शिमला। हिमाचल प्रदेश के रामपुर उपमंडल के समेज गांव में लापता 36 लोगों में से तीन शवों की पहचान कर दी गई है। बीते कल रेस्क्यू दल को सुन्नी के पास सतलुज किनारे पर एक और शव मिला है। मृतक की पहचान सिद्धार्थ निवासी नंदरूल, जिला कांगड़ा के रूप में हुई है।
DNA टेस्ट से हुई शवों की पहचान
बताया जा रहा है कि सिद्धार्थ समेज में ग्रीनको प्रोजेक्ट में बतौर इंजीनियर काम करता था। इसके अलावा समेज में मिले अन्य दो शवों की भी पहचान कर दी गई है। DNA टेस्ट से शवों की शिनाख्त हो पाई है।
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समेज स्कूल की छात्रा थी प्रीतिका
यह दोनों शव तीन दिन पहले सुन्नी डेम में मिले थे। यह लोग समेज में बादल फटने के बाद से लापता थे। मृतकों की पहचान रचना पत्नी राजेश कुमार, निवासी कंहराहड़ और प्रीतिका उर्फ मुस्कान पुत्री राजकुमार पांडे, झारखंड के रूप में हुई है। प्रीतिका समेज स्कूल की छात्रा था। प्रीतिका के माता-पिता अभी दोनों लापता हैं।
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अपने स्कूल शिक्षक के साथ प्रीतिका[/caption]
समेज में नहीं मिला एक भी लापता व्यक्ति
आपको बता दें कि रेस्क्यू टीमों के समेज, डकोलढ़ और कोड डेम में अब तक 9 शव मिल हैं। हालांकि, इनमें से 6 शवों की अभी शिनाख्त नहीं हो पाई है। वहीं, पिछले 6 दिन से चल रहे सर्च ऑपरेशन में रेस्क्यू टीमों को समेज गांव में एक भी लापता व्यक्ति नहीं मिला है।
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सतलुज किनारे पर सर्च ऑपरेशन शुरू
जानकारी देते हुए DC शिमला अनुपम कश्यपर ने बताया कि रेस्क्यू टीमों द्वारा समेज में करीब 95 प्रतिशत क्षेत्र की खुदाई कर दी गई है। टीमों को मलबे के नीचे कुछ सामान जरूर मिला है। मगर एक भी लापता व्यक्ति नहीं मिला है।
अभी तक जितने भी शव मिले हैं- वो ज्यादा कोल डैम में बरामद किए गए हैं। ऐसे में अब रेस्क्यू टीमों का फोकस समेज के बजाय सुन्नी के कोल डैम में ज्यादा रहेगा। साथ ही सतलुज किनारे भी सर्च ऑपरेशन तेज किया जाएगा।
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41 लोग अभी भी लापता
गौरतलब है कि सर्च ऑपरेशन को 6 दिन हो गए हैं। मगर अभी तक 41 लोगों का कुछ अता-पता नहीं है। समेज में 33, बाघीपुल में 5, सिंघगाड़ में 2 और चौहारघाटी में एक व्यक्ति अभी भी लापता है।
कहां कितने शव मिले?
रेस्क्यू टीमों को चौहारघाटी में 9, कुल्लू के बागीपुल में 2 शव और समेज में 9 शव मिले हैं। जिनमें से 6 की पहचान नहीं हो पाई है।