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August 2, 2024

समेज में 18 परिवारों पर बरपा कहर, किसी ने खोया पूरा परिवार, कोई ढूंढ रहा पत्नी-बच्चे

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शिमला। हिमाचल प्रदेश में बादल फटने की घटना ने सबको झकझोर कर रख दिया है। 31 जुलाई की रात कई परिवारों को कभी ना भूलने वाले पर दे गई है। बादल फटने के कारण कई लोगों ने अपने परिजनों को खो दिया है। ऐसा ही कुछ शिमला जिला के रामपुर उपमंडल में हुआ है। यहां एक ही झटके में 18 परिवार उजड़ गए हैं।

खत्म हुआ हंसता-खेलता परिवार

यहां समेज खड्ड में आई बाढ़ ने सब कुछ तबाह कर दिया है। इस बाढ़ में जय सिंह सुनैल के हंसते-खेलते परिवार को खत्म कर दिया है। जय सिंह की पत्नी कल्पना ग्रीनको पॉवर प्रोजेक्ट में कार्यरत थी। उसकी ट्रांसफर ज्यूरी स्थित ग्रीनको प्रोजेक्ट के लिए हो गई थी। कल्पना यहां से जाने वाली थी। पिछले कल कल्पना के पति ने कहा कि वह घर जाकर आता है। यह भी पढ़ें: समेज गांव का मिटा नामोनिशान: मायूस चेहरे-नम आंखें कर रही अपनों से मिलने की आस

बेटा, बेटी और पत्नी लापता

जय सिंह ने उसे साथ चलने को कहा। मगर कल्पना अपनी बेटी और बेटे के साथ वहीं पर रही। अब कल्पना और सात वर्षीय बेटी अक्षिता और चार वर्षीय आदिव्क का कोई पता नहीं है। यह सभी लोग बाढ़ में लापता हो गए हैं। इसके अलावा अशोक कुमार का भी पूरा परिवार बाढ़ की चपेट में आ गया है। घर पर ना होने की वजह से अशोक खुद तो बच गए, मगर उनकी पत्नी अनिता (40), बेटी योग प्रिया (11) और बेटा मुकेश (19) लापता है। यह भी पढ़ें: रातभर गाड़ी में घुमाया, सुबह होटल में लूटी किशोरी की आबरू, मिली ये सजा

बाढ़ की चपेट में आया पूरा परिवार

साथ ही में सूरत राम का परिवार भी आ बाढ़ की चपेट में आ गया है। सूरत राम (58) समेत उनकी पत्नी संतोष (54), बेटा नीरज कुमार (30), छोटे बेटे की पत्नी रचना (23) और घर पर निरमंड से आए मेहमान वेदराज (55) भी मलबे में दब गए। अब सूरत राम के परिवार में उसका छोटा बेटा राजेश कुमार और बड़े बेटे की पत्नी और पोता बचे हैं।

छिन गई परिवार की खुशियां

वहीं, समेच खड्ड में बाढ़ आने से सुगा गांव के गोपाल की पत्नी शिक्षा (37) और बेटी जिया (15) भी हादसे का शिकार हो गई है। साथ ही गोपाल के ही घर पर रहने वाले ग्रीनको हाइड्रो प्रोजेक्ट के 7 कर्मचारी भी लापता है। इसके अलावा चंद्र सिंह के परिवार के चार सदस्य लापता है। चंद्र सिंह के बेटे श्याम सिंह (39), बहु सरस्वती (33), पोता अरुण (15) और पोती आरुषि (13) लापता है। इनके साथ-साथ झारखंड के 4 प्रवासी मजदूर भी लापता है। इनमें ममता पत्नी राज कुमार पांडे, मुस्कान पुत्री राज कुमार पांडे, रूपनी देवी पत्नी भोला नाथ और अंजलि पुत्री भोला नाथ उराव शामिल है।

बेटियों को ढूंढ रहे माता-पिता

रविंदर केदारटा की दो बेटियां भी बाढ़ की चपेट में आ गई हैं। तनु केदारटा (15) और रानू कदारटा (16) का अभी तक सुराग नहीं लग पाया है। इस हादसे में घर पर अकेले रह रही दो वृद्ध महिलाएं भी लापता हैं। यह भी पढ़ें: होमस्टे में ठहरे युवक से मिली हेरोइन की खेप, परचून में करता था धंधा

बाढ़ ने किया सब कुछ तबाह

इस भयंकर बाढ़ ने समेज गांव का नामोनिशान मिटा दिया है। इस बाढ़ ने ऐसे जख्म दिए हैं-जो कि उम्रभर भर नहीं पाएंगे। यहां के लोगों के चेहरे पर बेबसी छलक रही हैं। लोगों से उनके परिवार के सदस्य छिन गए हैं और सिर पर छत भी नहीं रही है। जैसे-जैसे वक्त बीतता जा रहा है लोगों के जिंदा होने की उम्मीद भी कम होती जा रही है।

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