चंबा। उत्तर भारत की सुप्रसिद्ध पवित्र मणिमहेश यात्रा आधिकारिक रूप से अभी शुरू भी नहीं हुई है। बावजूद इसके वहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने पहुंच रहे हैं। मगर इस बीच कुछ श्रद्धालुओं की मौत हो जाने की भी खबरें सामने आ रही हैं। बीते रोज दिल्ली के एक श्रद्धालु की तबीयत गौरीकुंड के पास अचानक से बिगड़ी, जिसके चलते उसकी मौत हो गई।
74 वर्षीय व्यक्ति की मौत
मृतक की पहचान दिल्ली के तिलक नगर निवासी विक्रम मल्होत्रा के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि यह मृतक की उम्र 74 वर्ष थी, जो उत्तर भारत की पवित्र और कठिन यात्राओं में से एक श्री मणिमहेश यात्रा पर निकले थे। आज पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को शव सौंप दिया जाएगा।
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NDRF-SDRF की तैनाती
बता दें कि प्रशासन ने यात्रा की पूरी तैयारी कर दी है। भरमौर से मणिमहेश के रास्ते में NDRF-SDRF की टीमों की तैनाती की गई है। ताकि किसी भी श्रद्धालु को किसी भी प्रकार की दिक्कतों का सामना ना करना पड़े। वहीं, 5 अलग-अलग स्थानों पर मेडिकल टीम की तैनाती भी कर दी गई है।
यहां बनाए गए है कैंप
मणिमहेश यात्रा के दौरान यात्रियों की सुविधा के लिए भरमौर, हड़सर, धनछो, सुंदरासी और गौरीकुंड में 5 कैंप लगाए गए हैं। बता दें कि 13385.83 फीट की ऊंचाई पर स्थित मणिमहेश में ऑक्सीजन की काफी दिक्कत होती है। इसलिए प्रत्येक श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर ही उन्हें आगे भेजा जाएगा।
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हेली टैक्सी की मिल रही सुविधा
26 अगस्त से 11 सितंबर तक चलने वाली मणिमहेश यात्रा में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। 15 अगस्त से यहां प्रशासन ने वीरवार से ही हेली टैक्सी सेवा आरंभ कर दी है। हेली टैक्सी में भरमौर से गौरीकुंड तक का किराया 3875 रुपए रखा गया है। पिछले साल के मुकाबले इस बार के किराए में 20 प्रतिशत कमी की गई है।वहीं, घोड़ा-खच्चर से आने-जाने का किराया 4700 रुपए प्रति सवारी तय किया गया है।
प्रशासन ने जारी की एडवाइजरी
इस कठिन यात्रा के लिए प्रशासन द्वारा भक्तों के लिए पहले से ही एडवाइजरी जारी कर दी गई है। पंजीकरण के बिना यात्रा की इजाजत नहीं दी जाएगी।
मणिमहेश यात्रा के लिए इन निर्देशों का करें पालन
यात्रा से पहले अपनी स्वास्थ्य स्थिति का मूल्यांकन कर लें। मणिमहेश यात्रा पहाड़ी और कठिन मार्गों से होती है, इसलिए अच्छी शारीरिक फिटनेस आवश्यक है।
यात्रा के दौरान हाइड्रेटेड रहने और छोटे-छोटे ब्रेक लेने की आदत डालें।
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हल्के और आरामदायक वस्त्र पहनें, लेकिन ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े भी साथ रखें, खासकर रात के समय।
मजबूत और आरामदायक जूते पहनें, जो पहाड़ी रास्तों पर चलने के लिए उपयुक्त हों।
गर्म कपड़े, छाता/रेनकोट, और स्लीपिंग बैग जैसे आवश्यक सामान पैक करें।
हल्का और आसानी से पचने वाला खाना साथ रखें। यात्रा के दौरान पर्याप्त पानी पीना महत्वपूर्ण है।
स्थानीय भोजन का सेवन करते समय सतर्क रहें और साफ-सफाई का ध्यान रखें।
- यात्रा की योजना और मार्गदर्शन:
यात्रा से पहले मौसम की रिपोर्ट जांच लें और मार्ग की जानकारी प्राप्त करें। मार्ग पर अनुभवी गाइड या स्थानीय लोगों से मार्गदर्शन प्राप्त करें, खासकर यदि आप पहली बार यात्रा कर रहे हैं।
रात के समय यात्रा करने से बचें। दिन की रोशनी में यात्रा करना अधिक सुरक्षित होता है। रास्ते पर सुरक्षा संकेतों और स्थानीय नियमों का पालन करें।
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धार्मिक और सांस्कृतिक सम्मान:
स्थानीय धार्मिक परंपराओं और मान्यताओं का सम्मान करें। पवित्र स्थलों पर विशेष सावधानी बरतें और शालीनता बनाए रखें।
प्राथमिक चिकित्सा किट साथ रखें जिसमें बुनियादी दवाइयां, पट्टियाँ, और अन्य आवश्यक सामग्री हो। यात्रा के दौरान किसी भी स्वास्थ्य समस्या का तुरंत इलाज करवाएं।