रामपुर बुशहर। हिमाचल के रामपुर में 31 जुलाई को बादल फटने के बाद आई बाढ़ मंे समेज गांव का नामोनिशान मिट गया था। इस गांव में लगभग 37 लोग एक ही झटके में लापता हो गए थे। जिसमें से अब तक सिर्फ सात लोगों के ही शव मिले हैं। सर्च ऑपरेशन में जुटी टीम को आज एक और शव मिला है। यह शव एक मासूम बच्चे का है।
आज सुबह मिला 4 साल के आद्विक का शव
सर्च ऑपरेशन में जुटी टीम को यह शव आज रामपुर के दत्तनगर में सुबह के समय मिला। जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर आगामी जांच शुरू कर दी है। यह शव समेज गांव में अपने दो बच्चों के साथ बह गई कल्पना कदारटा के चार साल के बेटे का है। बच्चे के शव की पहचान उसकी मौसी दैवकन्या व नाना बक्शी राम ने की है।
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कल्पना की बेटी अभी भी लापता
बता दें कि कल्पना अपनी सात साल की बेटी और 4 साल के बेटे के साथ समेज में आई बाढ़ में बह गई थी। कल्पना कदारटा का शव घटना के 9वें दिन बरामद किया गया था, जबकि आज उसके 4 साल के बेटे आद्विक पुत्र जयसिंह का शव बरामद किया है। अब भी इस परिवार में कल्पना की सात साल की बेटी अक्षिता का शव बाकी है। इस परिवार में अब केवल कल्पना का पति जयसिंह ही बचा है।
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घटना से कुछ घंटे पहले कल्पना ने बनाई थी रील
कल्पना कदारटा को रील बनाने का शौक था। जिस दिन समेज गांव में बाढ़ आई उससे कुछ घंटे पहले भी कल्पना ने रील बनाई थी और उसे अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया था। इस रील में भी कल्पना ने मौत को लेकर ही कुछ ऐसी बातें कहीं थी, जो कुछ ही घंटो बाद सच साबित हो गई और वह अपने दो मासूम बच्चों के साथ बह गई।
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हाईड्रो प्रोजेक्ट में काम करती थी कल्पना
34 वर्षीय कल्पना हाईड्रो पावर में कार्यरत थी। वह यहां अपने पति और दो बच्चों के साथ रहती थी। 31 अगस्त को उसका पति किसी काम से बाहर गया था, उसने कल्पना को भी साथ चलने को कहा था, लेकिन वह अपने बच्चों के साथ यही ंपर रूक गई। इसी बीच रात को आई बाढ़ मंे वह अपने दोनों बच्चों के साथ बह गई। बताया जा रहा है कि कल्पना का तबादला भी हो गया था। लेकिन एक से दो दिन बाद उसने नई जगह ज्वाइनिंग करनी थी।
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