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August 8, 2024

23 साल की रचना- एक साल पहले बनी थी दुल्हन, आज अर्थी सजाने को ना घर बचा ना गांव

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रामपुर बुशहर। हिमाचल प्रदेश के शिमला जिला के समेज गांव में आठ दिन पहले आई बाढ़ ने सबकुछ तबाह कर दिया। पूरा गांव इस बाढ़ की चपेट में आ गया। जो लोग बच गए, उनके अपनों के मिलने की आस में अब आंसू भी सूख गए। इस बाढ़ के मलबे में अभी भी 33 लोगों की तलाश जारी है। बीते रोज मिले तीन शवों में एक शव 23 साल की रचना का था। जो मात्र एक साल पहले ही समेज गांव में दुल्हन बनकर आई थी।

एक साल पहले बनी थी दुल्हन

सबसे दर्दनाक मंजर तो यह था कि साल 2023 में रचना की शादी राजेश कुमार के साथ हुई और दुल्हन बनी रचना समेज गांव में आ गई। जिस गांव और घर में उसने खुशियां देंखी अंतिम विदाई के समय ना तो वह गांव बचा और ना ही वह घर। रचना के शव को समेज गांव लाया जो जरूर गया, लेकिन वहां अब पहले जैसा कुछ नहीं था। यह भी पढ़ें: 13 वर्षीय रिधम के सामने कार चालक ने मां और बहन को कुचला, लौट रहे थे घर

अर्थी सजाने को ना घर बचा ना गांव

वहीं अंतिम संस्कार से पहले शव को घर में लाया जाता है और आंगन में मृतक की अर्थी सजाई जाती है। लेकिन रचना उससे भी वंचित रह गई। रचना को ना तो घर और ना ही घर का आंगन नसीब हुआ। केवल पत्थरों के ढेर पर ही रचना की अर्थी सजाई गई। इस दौरान हर आंख नम हो गई और हर तरफ चीखने चिल्लाने की ही आवाजें सुनाई देने लगी। यह भी पढ़ें: ITI में दाखिला लेने आई थी तमन्ना, कमरे में लट.की मिली, पिता ने मकान मालिक पर…

समेज गांव से 50 किलो मीटर दूर मिला था शव

बीते रोज रचना का शव समेज से 50 किलोमीटर दूर सुन्नी में डैम में मिला था। जिसके बाद डीएनए से उसकी पहचान की गई और उसके शव को समेज गांव लाया गया। जहां उसका अंतिम संस्कार किया गया। समेज गांव मंे आई बाढ़ में रचना के साथ परिवार के सात अन्य लोग भी बह गए थे। जिनका अभी तक कोई सुराग नहीं लगा है। केवल रचना का ही शव बरामद हुआ है। यह भी पढ़ें: होटल में लग रही थी लड़कियों के जिस्म की बोली, ग्राहक लाने को रखे थे कर्मचारी

रचना सहित परिवार के सात लोग बाढ़ में बहे

रचना का पति राजेश कुमार घटना की रात को किसी काम से समेज गांव से बाहर गया था, जिसके चलते उसकी जान तो बच गई, लेकिन उसका पूरा परिवार और घर बाढ़ में बह गया। इस बाढ़ में रचना के जेठ नीरज, सास-ससुर, चाची सास, ननद और देवर लापता हो गए थे। रचना के पति और परिजनों का रो.रो कर बुरा हाल है। यह भी पढ़ें: घर से निकला शख्स, रास्ते में भालू के साथ हुए दो-दो हाथ : जानें फिर..

समेज गांव में अभी भी 33 लोगों की तलाश जारी

बता दें कि समेज गांव में आई बाढ़ मंे 47 लोग लापता गए थे। जिसमें से अभी तक 10 लोगों के ही शव मिल पाए हैं। जिसमें से केवल तीन की ही पहचान हुई है। सात शवों की शिनाख्त होना अभी बाकी है। सर्च ऑपरेशन में जुटी टीमें आज गुरुवार आठवें दिन भी लापता लोगों की तलाश में जुटी हुई हैं।

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