शिमला। हिमाचल प्रदेश में हुए हादसों से जुड़ा एक आंकड़ा सामने आया है। तेज रफ्तार, गलत ओवरटेकिंग और लापरवाही से गाड़ी चलाना कितना जोखिम भरा हो सकता है, इसका ताजा उदाहरण आप इन आंकड़ों से समझिए। साल जनवरी से जुलाई तक सड़क हादसों में करीब 403 लोगों ने जान गंवाई है।
शिमला में सबसे ज्यादा हादसे
जिला शिमला में हुए सड़क हादसे में सबसे ज्यादा लोगों ने अपनी जान गवाईं है। यहां पर आंकड़ा 60 है। वहीं, जिला मंडी में 58 लोगों की सड़क हादसों में मौत हुई है। इसके अलावा सोलन में 15, नूरपुर में 15, हमीरपुर में 13, किन्नौर में 6 और लाहौल-स्पीति में 5 लोगों की सड़क हादसों में मौत हुई है।
कांगड़ा और सिरमौर जिले में 43, चंबा में 34, बद्दी में 25, कुल्लू में 22, बिलासपुर में 19 लोगों की मौत हुई है। वहीं ऊना जिला सड़क हादसे को लेकर सबसे संवेदनशील जिला माना गया है, जहां 45 लोगों की जान गई है।
यह भी पढ़ें: हिमाचल: चाचा के हाथ में थी कैंची और सामने था भतीजा, कर दिया अनर्थ
लापरवाही है कारण
बता दें कि पुलिस पुलिस विभाग की ओर से सड़क हादसों की जांच में पाया गया है कि मानवीय भूल चूक के कारण सबसे ज्यादा मौत होती है। तेज रफ्तार, गलत ओवरटेकिंग और लापरवाही हादसों का सबसे बड़ा कारण माने गए हैं।
पिछले साल की अपेक्षा कम हादसे
रिपोर्ट में सामने आया है कि कई जिलों में पिछले साल के मुकाबले हादसों में कमी आई है। पुलिस विभाग और प्रदेश सरकार द्वारा समय-समय पर जागरूक अभियान के चलते लोगों में जागरूकता जरूर आई है।
यह भी पढ़ें: विद्युत शुल्क में होगा संशोधन, आज विधानसभा में पेश किया जाएगा बिल
साल 2023 में इस समयावधि में 447 लोगों की जान सड़क हादसे में हुई। जबकि इस बार यह आंकड़ा 403 है।शिमला और ऊना के हादसों में ज्यादा मौत दर्ज की गई है। हालांकि बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, किन्नौर, कुल्लू, नूरपुर और सोलन जिलों में पिछले साल की अपेक्षा इस साल सड़क हादसों में कमी दर्ज की गई है।