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November 6, 2024

हिमाचल के पहाड़ों में बुझ गए कई घरों के चिराग, जरा संभल कर चलाएं गाड़ी

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शिमला। हिमाचल प्रदेश में सड़क हादसों की बढ़ती संख्या चिंता का विषय बनी हुई है। हाल ही में उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में हुआ बड़ा हादसा, जिसमें एक बस अनियंत्रित होकर 150 फीट गहरी खाई में गिर गई और 36 लोगों की जान चली गई, यह घटना हिमाचल प्रदेश की सड़क सुरक्षा स्थिति पर सवाल खड़े करती है। पहाड़ी राज्य होने के कारण यहां के रास्ते संकरे और घुमावदार होते है जो दुर्घटनाओं को आम बना देते हैं।

हिमाचल में सड़क हादसों की स्थिति

बीते 23 वर्षों में हिमाचल प्रदेश में 22,216 लोग सड़क हादसों में अपनी जान गंवा चुके हैं। औसतन हर साल 965 मौतें होती हैं, जो एक छोटे राज्य के लिए बड़ा आंकड़ा है। इसके अलावा, सड़क हादसों में घायल होने वालों की संख्या भी हजारों में होती है। हर साल 5,000 से अधिक लोग हादसों में घायल हो जाते हैं। यह भी पढ़ें : हिमाचल का जवान लेह में हुआ शहीद, सैन्य सम्मान से दी अंतिम विदाई

साल 2023 में हादसों का आंकड़ा

आंकड़ों पर अगर नजर डाले तो 2023 में हिमाचल प्रदेश में 2,255 सड़क हादसों की घटनाएं सामने आईं, जिनमें 882 लोगों की मौत हो गई और 3,542 लोग घायल हो गए। पिछले वर्ष 2022 में यह आंकड़ा और भी ज्यादा था, जिसमें 1,032 लोगों की मौत और 2,597 लोग घायल हुए थे। इस तरह के हादसों से न केवल मानव जीवन को नुकसान हो रहा है, बल्कि इससे सड़क सुरक्षा पर भी गंभीर सवाल उठ रहे हैं। यह भी पढ़ें : हिमाचल अपने पैरों पर हो रहा खड़ा- आर्थिक स्थिति पर CM सुक्खू कह गए बड़ी बात

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो का सर्वे

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के अनुसार, हिमाचल प्रदेश को अन्य पहाड़ी राज्यों के मुकाबले सड़क हादसों के लिए सबसे खतरनाक राज्य के रूप में दर्ज किया गया है। यह स्थिति तब और चिंताजनक हो जाती है जब हम देखते हैं कि इस राज्य में हर साल दुर्घटनाओं का आंकड़ा अन्य पहाड़ी राज्यों की तुलना में ज्यादा रहता है। हालांकि, सरकार और पुलिस प्रशासन की ओर से किए गए प्रयासों के बावजूद, 2023 में सड़क हादसों में 13 फीसदी की कमी देखी गई है, जो राहत की बात है, लेकिन अभी भी स्थिति नियंत्रण से बाहर है। यह भी पढ़ें : हिमाचल : मकान में लगा देंगे लिफ्ट, झूठा वादा कर ऐंठे 7.25 लाख रुपए

सड़क सुरक्षा के उपाय जरूरी

हिमाचल में सड़क हादसों की बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रशासन को और कड़े कदम उठाने होंगे। विशेष रूप से पहाड़ी रास्तों की सुधार और यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने की जरूरत है। साथ ही, वाहन चालकों को भी सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता है।

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