#हादसा

September 11, 2025

हिमाचल: टिप्पर की चपेट में आया 21 वर्षीय बाइक सवार युवक, मां-बाप का था इकलौता सहारा

21 साल के करीब बताई जा रही युवक की उम्र

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bike rider youth

गगल (कांगड़ा)। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा ज़िले में गुरुवार सुबह हुई एक सड़क दुर्घटना ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया। गगल पुलिस थाना क्षेत्र के तहत त्यारा गांव के एक होनहार 21 वर्षीय युवक अनिकेत की ट्रक की चपेट में आने से दर्दनाक मौत हो गई। इस हादसे ने न केवल एक परिवार से उसका इकलौता सहारा छीन लिया बल्कि पूरे गांव में गहरा शोक छा गया है।

हादसे ने छीना घर का चिराग

जानकारी के अनुसार अनिकेत बाइक /स्कूटी (वाहन की पुख्ता जानकारी नहीं मिली है) पर सवार होकर त्यारा से गगल की ओर जा रहा था। जैसे ही वह त्यारा बाजार से नीचे एक मोड़ पर पहुंचा, सामने से आ रहे एक टिप्पर ट्रक ने उसे अपनी चपेट में ले लिया। टक्कर इतनी भयानक थी कि अनिकेत गंभीर रूप से घायल हो गया। हादसे के बाद स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और घायल अनिकेत को नजदीकी अस्पताल ले गए, मगर तब तक देर हो चुकी थी, डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

 

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ट्रक चालक के खिलाफ मामला दर्ज

घटना की सूचना मिलते ही गगल पुलिस थाना की टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने शव को कब्ज़े में लेकर पोस्टमार्टम के लिए टांडा मेडिकल कॉलेज भेजा। वहीं ट्रक चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। हादसे की वजह ट्रक चालक की लापरवाही या बाइक सवार युवक की तेज रफ्तार थी, इसकी पुलिस जांच कर रही है।

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मां-बाप और बहनों पर टूटा दुखों का पहाड़

अनिकेत अपने परिवार का इकलौता बेटा और दो बहनों का लाडला भाई था। घर का आर्थिक और भावनात्मक सहारा वही था। जैसे ही हादसे की खबर परिवार तक पहुंची, घर में कोहराम मच गया। मां-बाप बेसुध हो गए और दो बहनों की चीखें सुनकर पूरा क्षेत्र गमगीन हो गया। ग्रामीण भी इस त्रासदी से स्तब्ध हैं।

 

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समय से पहले बुझा

गांववालों के अनुसार अनिकेत होनहार और संस्कारी युवक था। उसके सपने थे, जिन पर वह धीरे-धीरे कदम बढ़ा रहा था। परिवार को उससे उम्मीदें थीं कि वह उनके बुढ़ापे का सहारा बनेगा। मगर एक पल में ही सब कुछ बदल गया। इस हादसे ने एक बार फिर सड़कों पर भारी वाहनों की रफ्तार और सुरक्षा इंतज़ामों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों ने सरकार से मांग की है कि इस खतरनाक मोड़ पर चेतावनी संकेत और गति-नियंत्रण उपाय जल्द लगाए जाएं, ताकि आगे ऐसी त्रासदी किसी और परिवार को न झेलनी पड़े।

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