मंडी। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में कुएं में डूबने से हुई पति-पत्नी की मौत के मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है। दोनों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गई है- जिसमें खुलासा हुआ है कि दोनों की मौत हाइड्रोजन सल्फाइड गैस लगने और फिर डूबने से हुई है।
हर पहलू की हो रही गहनता से जांच
आपको बता दें की हाइड्रोजन सल्फाइड गैस को जहरीला माना जाता है। ऐसे में पुलिस हर पहलु को ध्यान में रखकर जांच कर रही है. हालांकि, अभी पोस्टमार्टम की विस्तृत रिपोर्ट आना बाकि है।
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बंद कर दिया गया कुआं
माना जा रहा है कि कुएं में नीचे उतरते ही पति-पत्नी गैस की चपेट में आ गए। जिसके बाद बेहोशी की हालात में डूब जाने के कारण दोनों की मौत हो गई। फिलहाल, प्रशासन के आदेशों के बाद कुएं को अस्थाई रूप से बंद कर दिया गया है।
क्या है पूरा मामला?
आपको बता दें कि बीते बुधवार को सरकाघाट उपमंडल के कलोह गांव में पति-पत्नी की कुएं में डूबने के कारण मौत हो गई। मृतकों की पहचान संजीव कुमार (45) और पत्नी नीलम कुमारी के रूप में हुई। बताया जा रहा है कि कुआं करीब 35 फीट गहरा है और पानी से लगभग आधा भरा हुआ था।
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संजीव कुमार रखोह पंचायत का वार्ड पंच था और उसकी पत्नी नीलम कुमार आशा वर्कर थी। इनका एक 21 वर्षीय बेटा है- जो M.Pharma की पढ़ाई कर रहा है। इसके अलावा घर पर संजीव की 72 वर्षीय बुजुर्ग मां है। अब इस परिवार में सिर्फ बुजुर्ग मां और नौजवान बेटा ही शेष रह गए हैं। घर पर हुई दो लोगों की मौत के बाद दोनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।
घर के पास पानी भरने गया था संजीव
जानकारी के अनुसार, संजीव कुमार अपने घर के पास वाले कुएं में पानी भरने गया था। इसी दौरान संजीव कुमार का अचानक पैर फिसल गया और वह कुएं में जा गिरा। वहीं, जब वो काफी देर तक घर वापस नहीं लौटा तो उसकी पत्नी नीलम कुएं के पास उसके देखने गई। मगर वहां पहुंचते ही उसके होश उड़ गए।
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डूबते पति को बचाने गई पत्नी का फिसला पैर
नीलम ने देखा कि उसका पति संजीव कुएं में डूबा हुआ है। ये देखकर नीलम ने उसे बचाने की कोशिश की तो उसका भी पैर फिसल गया और वे भी कुएं में जा गिरी। उधर, बहुत देर तक जब संजीव और नीलम घर नहीं लौटे तो संजीव की बूढ़ी मां लीला देवी बेटे-बहू को देखने कुएं के पास गई।
बूढ़ी मां के कुएं के पास जाते उड़े होश
कुएं के पास पहुंचते ही लीला देवी के पैरों तले जमीन खिसक गई। उसने देखा कि उसका बेटा और बहू दोनों कुएं में डूबे हुए हैं। उसने चिल्लाकर गांव वालों से मदद मांगी। लीला देवी के चिल्लाने की आवाज सुनकर आस-पड़ोस के लोग मौके पर पहुंचे और कड़ी मशक्कत कर दोनों को कुएं से बाहर निकाला। मगर तब तब तक दोनों की मौत हो चुकी थी।