बिलासपुर। हिमाचल प्रदेश में बिलासपुर जिले में एक सड़क हादसा पेश आया है। हादसे में एक 23 वर्षीय युवक की दुखद मौत हो गई है। मृतक की पहचान अनिल कुमार के रूप में हुई है- जो कि बिलासपुर के मांडवा गांव का रहने वाला था।
बेसहारा पशु से टकराई बाइक
हादसा बाइक के एक बेसहारा पशु के साथ टकराने के कारण हुआ है। जवान बेटे की मौत के बाद से परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।
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बाइक से गिरा चालक
जानकारी के अनुसार, अनिल कुमार अपनी बाइक पर सवार होकर जा रहा था। इसी दौरान मंडी-कीरतपुर सड़क पर बाग ठेड़ के पास फोरलेन पर उसकी बाइक एक बेसहारा पशु से टकरा गई। हादसे में बाइक स्किड होकर सड़क पर गिर गई। हादसे में अनिल और मुंह में गंभीर चोटें आईं।
अस्पताल ले गए, मगर नहीं बची जान
इसके बाद वहां से गुजर रहे एक वाहन चालक ने गंभीर अवस्था में पड़े अनिल को वहां से उठाया और अपनी गाड़ी में उपचार के लिए घुमारवीं अस्पताल पहुंचाया। जहां अनिल ने दम तोड़ दिया।
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परिवार में मची चीख-पुकार
वहीं, हादसे की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। साथ ही मृतक के परिजनों को भी सूचित कर दिया। बेटे की मौत की खबर सुनने के बाद परिजनों में चीख-पुकार मच गई।
घूम रहे सैकड़ों बेसहारा पशु
उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश में बेसहारा पशुओं के कारण सड़क हादसों की समस्या दिन-प्रतिदिन गंभीर होती जा रही है। खासकर सड़कों पर घूमते बेसहारा गाय, बैल और अन्य पशु यातायात के लिए बड़ा खतरा बनते जा रहे हैं। ये पशु अक्सर अचानक सड़क पर आ जाते हैं, जिससे वाहन चालकों को ब्रेक लगाते समय संतुलन बिगड़ जाता है और वो दुर्घटनाओं का शिकार बन जाते हैं।
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सड़क हादसों में हो रही वृद्धि
कई हादसों में तो वाहन चालकों की जान तक चली गई है, जबकि कई लोग गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं। राज्य के प्रमुख हाइवे और कस्बाई क्षेत्रों में यह समस्या अधिक देखी जाती है, जहां बेसहारा पशु दिन और रात सड़कों पर विचरण करते रहते हैं। पर्यटन सीजन के दौरान राज्य में बढ़ता ट्रैफिक इस समस्या को और जटिल बना देता है, जिससे दुर्घटनाओं की संख्या में भी वृद्धि होती है।
प्रभावी कदम उठाने की सख्त जरूरत
लोगों का कहना है कि हिमाचल सरकार और स्थानीय प्रशासन इस समस्या के समाधान के लिए कई बार कदम उठा चुके हैं, जैसे बेसहारा पशुओं के लिए गोशालाओं का निर्माण और पशुओं को सुरक्षित स्थानों पर ले जाना, लेकिन यह उपाय पर्याप्त साबित नहीं हो रहे। सड़कों पर गाड़ियों की बढ़ती संख्या और पशुओं की देखभाल की कमी से स्थिति और भी गंभीर हो गई है। बेसहारा पशुओं की समस्या के समाधान के लिए प्रभावी कदम उठाने की सख्त जरूरत है, ताकि सड़क हादसों और अन्य समस्याओं को कम किया जा सके।
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