ऊना। हिमाचल प्रदेश में इन दिनों मानसून चल रहा है। ऐसे में बहुत सारे इलाकों में ताबातोड़ बारिश हो रही है- जिससे नदियों-नालों का पानी उफान पर है। इसी के चलते समय-समय पर प्रशासन द्वारा लोगों को पानी के पास ना जाने के आदेश दिए जा रहे हैं। बावजूद इसके कुछ लोग प्रशासन की चेतावनी को अनसुना कर नदियों-नालों में नहाने के लिए उतर रहे हैं और हादसों का शिकार हो रहे हैं।
सतलुज में बही डेढ़ साल की बच्ची
ताजा मामला हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले से सामने आया है। यहां नंगल के मशहूर ऐताहासिक बाबा उधो मंदिर के पास सतलुज दरिया के तेज बहाव में एक बच्ची बह गई है। पानी के तेज बहाव से लापता हुई बच्ची अभी महज डेढ़ साल की है। लापता बच्ची को ढूंढने के लिए सर्च अभियान चलाया जा रहा है। मगर अभी तक लापता बच्ची का कुछ पता नहीं चल पाया है।
डुबकी लगवाते मां के हाथ से छूटी मासूम
बताया जा रहा है कि जिला बिलासपुर के रहने वाले भारतभूषण और उसकी पत्नी नीलम अपनी दो छोटी बच्चियों के साथ बाबा उधो मंदिर में माथा टेकने के लिए आए थे। इस दौरान वह मंदिर के पास सतलुज दरिया में नहाने के लिए चले गए। इसी बीच नीलम अपनी डेढ़ साल की बेटी अनाया को दरिया में डुबकी लगवाने लगी तो बच्ची उसके हाथों से छूट गई। जबकि, चार साल की दूसरी बेटी किनारे पर ही खड़ी थी। बच्ची के हाथ से छूटते ही वहां चीख-पुकार मच गई।
बचाने के लिए कूदा पिता, मगर बह गई बेटी
वहीं, बच्ची को बचाने के लिए भारतभूषण सतलुज में कूदे, मगर देखते-देखते ही बच्ची पानी के तेज बहाव में बह गई। उधर, सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस टीम और गोताखोरों ने सर्च अभियान शुरू किया। हालांकि, काफी देर तक तलाश करने के बाद भी बच्ची का कोई सुराग नहीं मिल पाया। लापता बच्ची के परिजनों ने पुलिस और प्रशासन से बच्ची की ढूंढने की गुहार की है।
नहीं मिल पा रहा कोई सुराग
मामले की जानकारी देते हुए नया नंगल पुलिस चौकी के प्रभारी सब इंस्पेक्टर सरताज सिंह ने बताया कि बच्ची को ढूंढने के लिए गोताखोरों की मदद ली जा रही है। मगर पानी का तेज बहाव होने के कारण बच्ची का कोई सुराग नहीं मिल पा रहा है। फिलहाल, सर्च अभियान जारी है, जल्द ही बच्ची को ढूंढ लिया जाएगा।
इसके अलावा उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि नंगल बांध से सतलुज दरिया में पानी छोड़ा गया है। जिससे सतलुज में पानी का काफी तेज बहाव है। ऐसे में अपने बच्चों को सतलुज के पास ले जाने से परहेज करें और एहतियात बरतें।