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August 10, 2024

मलबे में नहीं मिला 30 वर्षीय हरदेव, 4 और डेढ़ साल के हैं बेटे; पत्नी के सूख गए आंसू

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मंडी। हिमाचल के मंडी जिला की चौहारघाटी में 31 जुलाई की रात को बाढ़ ने तीन घरों को जमींदोज कर दिया। मलबे का ढेर बने तीनों घरों में रहने वाले 11 लोग भी अंदर ही दफन हो गए। सर्च ऑपरेशन में जुटी टीम ने यहां से एक घायल व्यक्ति को रेस्क्यू किया। जबकि एक एक कर 9 लोगों के शव भी बरामद कर लिए। लेकिन इस मलबे में दफन 30 वर्षीय हरदेव का शव घटना के 9 दिन बाद भी नहीं मिला। जिसके चलते अब रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी टीमों ने सर्च अभियान बंद कर दिया है और वापस लौट गई हैं।

अपनी बुआ के घर आया था हरदेव

चौहार घाटी में मलबे में दफन हुआ 30 वर्षीय हरदेव धरयाण गांव का रहने वाला था और चौहारघाटी में अपनी बुआ खुड़ी देवी के घर आया था। पहली अगस्त को ही उसे अपने एक अन्य दोस्त के साथ मनाली जाना था। लेकिन उससे पहले ही रात को यह हादसा हो गया। युवक और उसका दोस्त मनाली में गाइडिंग का काम करते थे। हरदेव के लापता होने से उसके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। बेटे और पति के मिलने की उम्मीद में परिजनों के आंसू भी सूख गए। यह भी पढ़ें: ‘हिमाचल रेलवे को मोदी सरकार ने दिया दिल खोल कर पैसा, रोड़ा बन रही सुक्खू सरकार’

चार और डेढ़ साल के बेटों को पत्नी के हवाले छोड़ गया हरदेव

बता दें कि हरदेव के दो बेटे हैं। जिसमें एक चार साल का, जबकि दूसरा मात्र डेढ साल का है। हरदेव की पत्नी गीता देवी पिछले नौ दिनों से ही बेसुध है। गीता देवी ने इस हादसे के बाद से खाना पीना ही त्याग दिया है। यह भी पढ़ें: PTI टीचर की काली करतूत, स्कूल में बच्चियों के साथ करता था गंदी हरकतें पति के इंतजार में उसके आंसू भी सूख गए हैं। हालांकि उसे रिश्तेदार ढांढस बंधा रहे हैं, लेकिन फिर भी गीता देवी सदमें से बाहर नहीं निकल पा रही है। युवक के ना मिलने से उसके गांव धरयाण गांव में मायूसी छा गई है।

सर्च ऑपरेशन बंद होने से बढ़ा परिजनों का दर्द

परिजनों का दर्द उस समय और भी बढ़ गया है, जब बेटे के ना मिलने के बाद भी सर्च ऑपरेशन बंद कर दिया है। परिजनों का कहना था कि अगर बेटा जिंदा होता तो वापस लौट आता, लेकिन अब तो उसका शव भी नहीं मिला है। बेटे का अंतिम संस्कार भी नहीं कर पाए हैं। वहीं दो मासूम बच्चों की परवरिश का जिम्मा अब गीता पर आ गया है।

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क्या कहते हैं एनडीआरएफ के टीम लीडर

एनडीआरएफ के टीम लीडर नीरज भारती ने बताया कि लापता युवक की तलाश में 3 दिन अतिरिक्त सर्च ऑपरेशन चलाया गया। लेकिन कोई कामयाबी नहीं मिली। एसडीएम डॉ, भावना वर्मा ने कहा कि युवक की तलाश में रेस्क्यू टीम ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। घटनास्थल के साथ साथ पजौंड़ खड्ड से लेकर ऊहल नदी तक भी कोना कोना छान मारा। लेकिन कुछ सफलता नहीं मिली। ऐसे में अब सर्च ऑपरेशन बंद कर दिया गया है।

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