नई दिल्ली/शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजनीति में जारी सियासी उठापठक के बीच आज देश के सर्वोच्च न्यायलय ने कांग्रेस के 6 बागी विधायकों की याचिक पर सुनवाई अगली तारिख तक के लिए स्थगित कर दी है। अब सुप्रीम कोर्ट आगामी 18 मार्च को बागी विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के खिलाफ दायर की गई याचिका पर सुनवाई करेगा।
पहले हिमाचल हाईकोर्ट के पास क्यों नहीं गए बागी
आज सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान जस्टिस संजीव खन्ना, दीपांकर दत्ता और पीके मिश्रा की तीन सदस्यीय बेंच ने पूछा कि आखिर क्यों बागी विधायक यह याचिका लेकर हिमाचल हाईकोर्ट के पास नहीं गए। बेंच ने साफ़ किया है कि जो स्थिति प्रदेश में उत्पन्न हुई है उसके जिम्मेदार बागी विधायक ही हैं। इसी कारण से उन्हें अयोग्य घोषित किया गया है।
बागियों के वकील ने क्यों कहा कि ये दुर्लभ मामला
सामने आई जानकारी के अनुसार बागी विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया के फैसले चुनौती देने के लिए देश के वरिष्ठ अधिवक्ता सत्यपाल जैन को अपना वकील लगाया है। बागी विधायकों का पक्ष रखते हुए उनके वकील ने बेंच के समक्ष अपनी दलील पेश करते हुए कहा कि यह उन दुर्लभ मामलों में से एक है जहां विधायकों को 18 घंटे के भीतर अयोग्य घोषित कर दिया गया है।
इस पर बेंच द्वारा वकील से सवाल किया गया कि आप भी बताइए ऐसे करने से विधायकों के किस मौलिक अधिकार का उल्लंघन हुआ है। वरिष्ठ वकील सत्यपाल जैन की तरफसे दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले में आगे की सुनवाई को लेकर सोमवार को नई डेट दी है। ऐसे में अब 18 मार्च को विधिवत तरीके से इस मामले पर सुनवाई होगी।