शिमला। हिमाचल में सियासी उठापटक के बीच कांग्रेस के छह बागियों सहित तीन निर्दलीयों ने आज बीजेपी ज्वाइन कर ली है। अब प्रदेश के 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होंगे। हालांकि चुनाव आयोग ने अयोग्य घोषित छह पूर्व विधायकों के विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव की घोषणा कर दी है। अब तीन निर्दलीयों के हल्कों में भी उपचुनाव होंगे। इस तरह प्रदेश की नौ सीटों पर विधानसभा उपचुनाव के नतीजों पर कांग्रेस की सुक्खू सरकार का भविष्य टिका हुआ है। उपचुनाव में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अग्नि परीक्षा होगी।
9 सीटों के उपचुनाव तय बदलेंगे सरकार के समीकरण
प्रदेश में 9 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के परिणाम विधानसभा के समीकरण बदल सकते हैं। हिमाचल की 68 विधानसभा सीटों पर 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 40 सीटें मिली थीं।
वहीं बीजेपी के खाते में 25 सीटें आई थीं। तीन निर्दलीय विधायक जीते थे। लेकिन कांग्रेस के छह विधायकों को अयोग्य घोषित करने के बाद अब कांग्रेस के पास 34 सीटें ही बची हैं।
मोदी लहर बढ़ाएगी सरकार की मुश्किलें
राजनीतिक जानकारों की मानें तो अगर 9 सीटों पर होने वाले विधानसभा के उपचुनावों में मोदी लहर ने अपना कमाल दिखाया और सभी सीटें बीजेपी की झोली में चली गईं तो यह कांग्रेस के लिए मुश्किल खड़ी कर सकती हैं। इस स्थिति में भाजपा के विधायकांे की संख्या बढ़कर 34 हो जाएगी और वो मजबूत स्थिति में आ जाएगी।
कांग्रेस सरकार पर लटकी खतरे की तलवार
बता दें कि हिमाचल में सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 35 है। हालांकि कांग्रेस महज एक सीट पर जीत दर्ज कर इस आंकड़े को छू सकती है, लेकिन हिमाचल के बीजेपी नेता और उसके साथ मोदी लहर कांग्रेस को यह एक सीट जीतने के लिए भी मुश्किलें खड़ी कर सकती है।
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इन विस क्षेत्रों में उपचुनाव की हो चुकी है घोषणा
राजेन्द्र राणा के विधानसभा क्षेत्र सुजानपुर, देवेंद्र कुमार भुट्टो के विधानसभा क्षेत्र कुटलैहड़, इंद्रदत्त लखनपाल के विधानसभा क्षेत्र बड़सर, सुधीर शर्मा के विधानसभा क्षेत्र धर्मशाला, चैतन्य शर्मा के विधानसभा क्षेत्र गगरेट और रवि ठाकुर के विधानसभा क्षेत्र लाहौल स्पीति में चुनाव आयोग ने उपचुनाव की घोषणा कर दी है। इन क्षेत्रों में लोकसभा के साथ ही पहली जून को उपचुनाव होंगे।