शिमला। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के बागी पूर्व विधायकों को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा स्पीकर के फैसले पर रोक लगाने से इंकार किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा स्पीकर से नोटिस देकर चार हफ्ते में जवाब मांगा है। इस मामले में हिमाचल प्रदेश के नेताओं की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आई हैं।
मोए मोए। जय हो सुप्रीम कोर्ट
बता दें कि हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा के फतेहपुर से कांग्रेस विधायत भवानी सिंह पठानिया ने मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा मोए-मोए। जय हो सुप्रीम कोर्ट।
नियमों के अनुसार लिया गया एक्शन
वहीं, हिमाचल प्रदेश विधानसभा के डिप्टी स्पीकर और कांग्रेस विधायक विनय कुमार ने कहा कि इन सभी पूर्व विधायकों को स्पीकर ने नियमों के अनुसार नोटिस दिया था। उन्होंने कहा कि 6 मई को दोबारा सुनवाई होगी और हम कोर्ट में नोटिस का जबाव देंगे। उन्होंने कहा कि विधानसभा सचिवालय को नोटिस दिया गया है और नियमों के अनुसार ही एक्शन लिया गया है।
यह भी पढ़ें: जयराम ठाकुर का दावा: 4 जून को देश के साथ-साथ हिमाचल में बनेगी बीजेपी सरकार
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 6 मई तक खाली हुई विधानसभी सीटों पर उप चुनाव की प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। 7 मई को चुनाव के संदर्भ में नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। पूर्व विधायकों की 6 सीटों पर एक जून को लोकसभा चुनाव के साथ वोट डाले जाएंगे।
स्टे देने से किया साफ इनकार
गौरतलब है कि कांग्रेस के बागी विधायकों की ओर से पेश हुए वकील हरीश साल्वे और सत्यपाल जैन ने अपना पक्ष रखते हुए विधानसभा अध्यक्ष के आदेशों को असंवैधानिक बताया और बागियों की सदस्यता को बहाल करने और स्पीकर के ऑर्डर स्टे करने की अपील की थी।
यह भी पढ़ें: हिमाचल के बागी विधायकों को सुप्रीम कोर्ट से झटका: स्टे देने से किया मना- अब आगे क्या..
वहीं, हिमाचल सरकार की तरफ से पेश हुए वकील कपील सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने बागी विधायकों को स्टे देने से साफ इनकार कर दिया है।
यह भी पढ़ें: विक्रमादित्य सिंह को मिली मंडी संसदीय क्षेत्र की जिम्मेदारी: चुनाव लड़ना कैंसल समझिये