मंडी। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला में बने केयू हाइड्रो जल विद्युत परियोजना लंबाडग के टनल और पैन स्टॉक के जंक्शन से भारी मात्रा में हुए पानी के रिसाव से एक पूरा गांव और बाजार जलमग्न हो गया। गांव और लगभग80 दुकानों में पानी और मलबा भर गया। जिससे लोग दहशत में हैं।
लोगों में भारी गुस्सा
लोगों और दुकानदारों का गुस्सा अब सातवें आसमान पर पहुंच गया है। लोगों की मानें तो पानी का यह रिसाव पिछले एक साल से हो रहा है, लेकिन इस पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिसके चलते ही आज पूरे गांव को दिक्कतों का सामना करना पड ़रहा है।
व्यवस्था परिवर्तन पर उठे सवाल
ग्रामीणों ने सुक्खू सरकार की व्यवस्था परिवर्तन पर भी सवाल उठाए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि परियोजना में धड़ल्ले से बिजली का उत्पादन हो रहा है। जिससे यहां पिछले करीब एक साल पहले से पानी का रिसाव हो रहा है और कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। सरकार, प्रशासन और प्रोजेक्ट प्रबंधन किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहे हैं।
डर के साए में परिवार और कारोबारी
ग्रामीणों ने कहा कि पानी के इस रिसाव के कारण 150 से ज्यादा परिवार और कारोबारी दहशत में हैं। लगातार पानी के रिसाव को देखते हुए ग्रामीण रात को चैन की नींद भी नहीं सो पा रहे हैं। लोगों को हर समय चिंता लगी रहती है कि कब उनका गांव जलमग्न हो जाए। ग्रामीणों का कहना है कि इस बारे में शिकायत दर्ज करवाने के बावजूद अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
लोगों ने भाग कर बचाई अपनी जान
बताया जा रहा है कि बीती रात जोरदार धमाके के साथ मुल्थान बाजार में पानी के साथ बड़े-बड़े पत्थर भी आ गए। इससे गांव और बाजार में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई।
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यह मलबा करीब 50 घरों और 80 दुकानों में घुस गया। इस दौरान कई लोगों ने भागकर अपनी जान बचाई। मलबे के कारण 45 कनाल की भूमि पर नगदी फसलें तबाह हो गई हैं, जिससे लाखों का नुकसान हुआ है।
अभी भी बाजार की तरफ आ रहा पानी
लोगों का कहना है कि घटना के घंटों बाद तक भी ना कोई प्रशासिनक अमला और ना ही कंपनी प्रबंधन का कोई व्यक्ति यहां आया। जिसके चलते बाजार और गांव को सुरक्षित करने के लिए ग्रामीणों ने खुद ही पानी और मलबे का रुख बदलकर लंबाडग नदी की तरफ मोड़ा। हालांकि, अभी भी पहाड़ी से मुल्थान बाजार की तरफ पानी आ रहा है।
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सरकार से नहीं मिलती कोई मदद
ग्रामीणों ने बताया कि कंपनी प्रबंधन ने रिसाव ना होने का दावा किया था। मगर फिर भी यहां भारी मात्रा में पानी का रिसाव हो रहा है। उन्होंने बताया कि उन्हें प्रशासन और सरकार से कोई मुआवजा नहीं मिल पाता है। ऐसे में मुआवजा देने के लिए कंपनी को जिम्मेदारी दी जाए और तत्काल प्रभाव से इस परियोजना को बंद करवाया जाए।
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वहीं, कंपनी प्रबंधन का दावा है कि घटना का पता लगते ही रेजरवायर को तुरंत खाली करवाया गया। साथ ही पानी को रोकने के लिए टनल की तरफ छोड़े जाने वाले पानी के दोनों गेट बंद कर दिए हैं। परियोजना अधिकारी देवी सिंह चौहान ने कहा कि प्रबंधन द्वारा सभी चीजों को मॉनिटर किया जा रहा है। अभी साइट विजिट नहीं हो पाया है। बाजार की तरफ टनल के अंदर का पानी पहाड़ी से आ रहा है।