शिमला। राजनीति में कब अपने बेगाने हो जाएं और बेगाने अपने बन जाएं यह कहा नहीं जा सकता। राजनीति में कोई अपना और कोई बेगाना नहीं होता है। ऐसा ही कुछ हिमाचल की राजनीति में भी देखने को मिल रहा है। कभी वीरभद्र के खास माने जाने वाले नेताओं ने आज वीरभद्र के परिवार को ही निशाना बनाना शुरू कर दिया है। वीरभद्र गुट के माने जाने वाले कांग्रेस के बागी विधायक सुधीर शर्मा और राजेंद्र राणा आज कांग्रेस सरकार ही नहीं बल्कि विक्रमादित्य सिंह पर भी निशाना साधते नजर आ रहे हैं।
सोलन में सीएम और विक्रमादित्य सिंह एक मंच पर आए थे नजर
बागी कांग्रेस विधायक सुधीर शर्मा ने कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य पर निशाना साधा है। इससे पहले सुधीर शर्मा सीएम सुक्खू के खिलाफ हमलावर हुए थे और जमकर उनके खिलाफ बयानबाजी कर रहे थे। लेकिन अब उनके निशाने पर मंत्री विक्रमादित्य सिंह भी आ गए हैं। दरअसल बीते रोज रविवार को मंत्री विक्रमादित्य सिंह और सीएम सुक्खू सोलन में एक ही मंच पर एक साथ नजर आए थे। जिसके बाद सुधीर शर्मा ने विक्रमादित्य पर निशाना साधा है।
सुधीर शर्मा ने कसा तंज
अपने सोशल मीडिया पेज पर सुधीर शर्मा ने लिखा है जो हमारे साथ थे अब एजेंसियो पर तंज कस रहे हैं उनके लिए… कैसे कैसे ऐसे वैसे हो गए, ऐसे वैसे कैसे कैसे हो गए… यह उनके लिए जो एफआईआर कर रहे हैं, इस दौर-ए-सियासत का इतना सा फ़साना है, बस्ती भी जलानी है मातम भी मनाना है… एक मंच पर आने के लिये दोनों को प्रेषित है।
हालांकि, सुधीर शर्मा ने अपनी इस पोस्ट में मंत्री विक्रमादित्य सिंह का नाम नहीं लिखा है। लेकिन परोक्ष तौर पर सुधीर शर्मा ने उन पर निशाना साधा है। क्योंकि विक्रमादित्य सिंह ने सोलन में एक बयान में कहा कि सरकार के खिलाफ साजिश रचने के बारे में खुफिया एजेंसियों को कोई जानकारी नहीं मिली और ऐसे अफसरों पर कार्रवाई होनी चाहिए।
विक्रमादित्य सिंह को कहा पिद्दी
सुधीर शर्मा यहां भी नहीं रूके और उन्होंने विक्रमादित्य सिंह को अपने संकेतों में पिद्दी की संज्ञा दी है। उन्होंने लिखा है। यह पिद्दी है, जिसके ऊपर कहावत बनी, क्या पिद्दी- क्या पिद्दी का शोरबा… को सांकेतिक तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। इसका मतलब होता है कि कोई तुच्छ चीज़ या व्यक्ति बड़ा काम नहीं कर सकता।
वीरभद्र गुट के माने जाते थे सुधीर और राजेंद्र
बता दें कि सुधीर शर्मा और राजेंद्र राणा वीरभद्र गुट के माने जाते हैं। वीरभद्र के जाने के बाद भी सुधीर शर्मा और राजेंद्र राणा प्रतिभा गुट से ही माने जा रहे थे। 2012 में जब प्रदेश में वीरभद्र की सरकार थी, उस समय सुधीर शर्मा शहरी विकास मंत्री के पद भी रह चुके हैं।
वहीं हिमाचल में राज्यसभा चुनाव के बाद मची उथल पुथल के बाद बागी हुए विधायकों से विक्रमादित्य सिंह दो बार पंचकूला में मिलने भी गए थे, लेकिन अब सियासी समीकरण बदल गए है, सुधीर शर्मा की इस पोस्ट से तो कहीं ना कहीं यही इशारा मिल रहा है। क्योंकि अब उन्होंने विक्रमादित्य सिंह पर हमला बोला है।