ऊना। हिमाचल प्रदेश में बीती शुक्रवार रात को अंधड़ ने जमकर तबाही मचाई। कई घरों की छतें उड़ गईं, तो कई पेड़ धराशायी हो गए। वहीं किसानों को भी इस तुफान से बड़ा नुकसान हुआ है। एक तरफ जहां आम और अन्य फलदार पौधों को आ रहा अंकुर झड़ गया, वहीं गेहूं की फसल खेतों में बिछ गई है। इस सब के बीच ऊना जिला में इस तुफान से एक दो साल की मासूम बच्ची की मौत हो गई है।
झुग्गी पर पेड़ गिरने से दो साल की बच्ची की मौत
दरअसल ऊना जनपद के टक्का में एक पेड़ तुफान से धराशायी होकर झुग्गी पर गिर गया। यह हादसा रात को हुआ। जिसके चलते झुग्गी में बच्ची अपनी मां के साथ सोई हुई थी। झुग्गी पर पेड़ गिरने से दो साल की इस मासूम बच्ची की मौत हो गई। मृतक बच्ची की पहचान सपना पुत्री मुन्ना निवासी बिहार के रूप में हुई हैए परिवार लंबे समय से वार्ड नंबर पांच में रह रहा था। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है।
मां के साथ झुग्गी में सो रही थी बच्ची
बताया जा रहा है कि तेज तूफान से झुग्गी पर पेड़ गिर गया था। जिससे बच्ची दब गई थी। जब तक बच्ची को बाहर निकाला उसकी मौत हो चुकी थी। एएसपी संजीव भाटिया ने बताया कि पुलिस ने शव का क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों के सुपुर्द कर दिया है। आगामी कार्रवाई अमल में लाई जा रही है।
प्रदेश भर में अंधड़ ने जमकर मचाई तबाही
बता दें कि हिमाचल में मौसम विभाग द्वारा जारी ऑरेंज अलर्ट के बीच कई क्षेत्रों में बारिश के साथ अंधड़ चला। वहीं ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी भी हुई है। मैदानी क्षेत्रों में अंधड़ चलने से काफी नुकसान हुआ है।
यह भी पढ़ें: पेड़ से टकराई कार, एक बहन स्वर्ग सिधारी,चालक-दूसरी बहन घायल
अंधड़ से जगह-जगह पेड़ गिर गए हैं। कई घरों की छतें उड़ गईं। वहीं कई जिलों में गेहूं की फसल खेतों में बिछ गई है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ओर से आज भी प्रदेश के कई भागों में बारिश-बर्फबारी, अंधड़ का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
कई घरों की उड़ी छतें
राजधानी शिमला में झमाझम बारिश दर्ज की गई है। वहीं अंधड़ से लोगों को परेशानी झेलनी पड़ी। शनिवार सुबह टूटु विकासखंड की शकराह पंचायत के शैहच गांव में अंधड़ से एक रिहायशी मकान की छत उड़ गई। मकान उपेंद्र सिंह चंदेल का है।
यह भी पढ़ें : हिमाचल:अनियंत्रित हुई स्कूटी, पार्षद स्वर्ग सिधारा, साथी हुआ गंभीर घायल
अंधड़ के दौरान पूरा परिवार घर में सो रहा था। तूफान इतना तेज था कि छत की चादरों को लकड़ी के साथ घर से कुछ दूर तक ले गया। गांव में एक गोशाला की छत, एक अस्थायी शेड भी उखड़ गया है।