शिमला। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के छह बागी हुए विधायकों ने शुक्रवार केा यूटर्न लेते हुए सुप्रीम कोर्ट में दायर की अपनी याचिका को वापस ले लिया है। इन विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष द्वारा उन्हें अयोग्य ठहराए जाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। लेकिन अब इन सभी छह पूर्व विधायकों ने अपनी याचिका वापस ले ली है।
क्यों वापिस ली गई याचिका
शुक्रवार को कांग्रेस के इन छह बागी पूर्व विधायकों और वर्तमान में विधानसभा उपचुनावों में भाजपा के प्रत्याशियों की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिनव मुखर्जी ने न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की बैंच को कहा कि वो याचिका वापस लेना चाहते हैं। इस पर कोर्ट ने उन्हें अनुमति दी और कहा कि उन्हें यह मालूम था कि चुनावों के कारण उन्होंने ऐसा निर्णय लिया होगा।
बागी बने भाजपा उम्मीदवार
गौर रहे कि सभी 6 पूर्व विधायक अब भाजपा उम्मीदवार के रूप में विधानसभा उपचुनाव लड़ रहे हैं। यह सभी छह विधायक कांग्रेस पार्टी के थे। लेकिन इन्होंने राज्यसभा चुनाव में क्रॉस-वोटिंग करते हुए भाजपा के प्रत्याशी को वोट किया।
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वहीं इन सभी छह बागी विधायकों (सुधीर शर्मा, रवि ठाकुर, राजेंद्र राणा, इंदर दत्त लखनपाल, चैतन्य शर्मा और देवेंद्र कुमार भुट्टो) को बजट के दौरान हिमाचल प्रदेश सरकार के पक्ष में वोट ना करने तथा कांग्रेस पार्टी के व्हिप उल्लंघन किया था। जिसके बाद 29 फरवरी को विधानसभा अध्यक्ष ने इन्हें अयोग्य करार दिया था।
कोर्ट ने फैसले पर रोक लगाने से किया था इंकार
बता दें कि विधानसभा अध्यक्ष के फैसले के खिलाफ इन बागियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। लेकिन इस याचिका को आज इन बागियों ने वापस ले लिया है। इससे पहले इस केस की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 18 मार्च को बागियों को अयोग्य ठहराए जाने के फैसले पर रोक लगाने से भी इंकार कर दिया था।
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जनता पर थोपा गया ये उपचुनाव
बागियों को अयोग्य घोषित किए जाने के बाद ही हिमाचल में छह सीटों पर विधानसभा उपचुनाव हो रहे हैं। यह चुनाव लोकसभा की चार सीटों के साथ ही पहली जून को होंगे। कांग्रेस के इन सभी छह बागियों को भाजपा ने अपना प्रत्याशी बनाया है।
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इन उपचुनावों में कांग्रेस पार्टी भाजपा पर शुरू से हावी है। बीते दिनों रोहित ठाकुर ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा था कि ये उपचुनाव भाजपा के धन बल की सहायता से हिमाचल की जनता पर थोपा गया हैं। मुख्यमंत्री सुक्खू भी बागियों पर हावी रहते हैं।