नाहन। दुनिया में बहुत सारे लोग ऐसे होते हैं जो दूसरों की सेवा करने के चक्कर में खुद को भी भूल जाते हैं। ऐसा ही एक मामला हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर के पांवटा साहिब से सामने आया है। जहां एक व्यक्ति गौरक्षा करने में इतना लीन हो गया कि अब उसका घर नीलाम होने की नौबत आ गई है। बैंक द्वारा 27 मार्च को उसके घर की नीलामी की जाएगी।
55 लाख रुपए का चढ़ा कर्ज
घर की नीलामी के लिए अखबारों में नोटिस भी प्रकाशित किए जा चुके हैं। सचिन को साल 2022 से ही बैंक ने नोटिस भेजना शुरू कर दिया था। दरअसल, उन्होंने अपना घर गिरवी रख कर बैंक से 20 लाख रुपए लोन लिया था। इसके अलावा 15 लाख रुपए का पर्सनल लोन भी लिया था। सचिन के ऊपर करीब 20 लाख रुपए का उधार अलग से है। यानी कुल 55 लाख रुपए का कर्ज होने के बावजूद सचिन गौ रक्षा करने की राह पर है। साल 2022 से उन्हें बैंक के नोटिस आना शुरू हो गए थे।
पत्रकारिता छोड़ गौरक्षा करने का लिया फैसला
जानकारी के अनुसार, सचिन ने 2010 में पत्रकारिता में अपना करियर शुरू किया था। फिर साल 2019 में सचिन ने पत्रकारिता छोड़ गौरक्षा करने का फैसला लिया। इस वक्त सचिन की गौशाला में 50 गाय हैं। स्कूल के दिनों में भी वह अपने दोस्तों और अध्यापकों की मदद से बेजुबान जानवरों की सेवा किया करता था। सचिन अपने परिवार के इकलौते बेटे हैं। सचिन की मां मीना ओबरॉय एक रिटायर्ड शिक्षक हैं। सचिन के परिवार में एक साल की मासूम बेटी और दो साल के बेटे के अलावा उनकी पत्नी भी है।
परिवार के साथ गौशाला में होंगे शिफ्ट
सचिन का कहना है कि घर की नीलामी के बाद वह अपने परिवार के साथ गौशाला में शिफ्ट हो जाएंगे। उन्होंने बताया कि गौशाला में मौजूद गौवंश का रोजाना खर्चा करीब 3 हजार तक आ रहा है। इसके अलावा महीने में करीब 20 हजार रुपए उनकी दवाइयों के लिए खर्च हो जाता है। उन्होंने बताया कि सरकार की तरफ से प्रति गौवंश के लिए हर महीने 700 रुपए उन्हें मिल रहे हैं।
गौवंश के चारे का इंतजाम करना होता है मुश्किल
स्थानीय लोगों का कहना है कि सब्जी मंडी में दुकानदारों द्वारा फेंकी गई सब्जियों को एकत्रित कर सचिन गौवंश के चारे का इंतजाम करता है। गौरक्षा करने में सचिन की पत्नी शालू भी गौशाला में उनका पूरा सहयोग देती हैं।