शिमला। हिमाचल कांग्रेस के छह बागी और तीन निर्दलीय विधायक दिल्ली में बीजेपी ज्वाइन करने के बाद बीते रोज देर शाम को शिमला पहुंचे। इस दौरान इन सभी 9 पूर्व विधायकों का बीजेपी कार्यकर्ताओं ने जोरदार स्वागत किया। शिमला पहुंचे इन सभी नेताओं के साथ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर भी मौजूद रहे। इस दौरान कांग्रेस का साथ छोड़ चुके राजेंद्र राणा ने बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि सुक्खू सरकार से कई अन्य विधायक भी परेशान हैं और वह उनके संपर्क में हैं।
कांग्रेस सरकार में विधायकों का नहीं कोई सम्मान
बता दें कि शिमला लौटने के बाद यह सभी 9 पूर्व विधायक मीडिया से रूबरू हुए। इस दौरान जहां इन नेताओं ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर जमकर निशाना साधा, वहीं सीएम सुक्खू पर प्रताड़ना के भी आरोप लगाए। राजेंद्र राणा ने कहा कि सीएम सुक्खू ने विधायकों का सम्मान नहीं किया। जिसके चलते ही उन्हें इतना बड़ा फैसला लेना पड़ा।
कई विधायक उनसे कर रहे संपर्क
राजेंद्र राणा ने कहा कि कांग्रेस सरकार में विधायकों की कोई इज्जत नहीं है। प्रदेश की कांग्रेस सरकार में कई अन्य विधायक भी परेशान हैं। यह परेशान विधायक लगातार उनसे संपर्क कर रहे हैं।
राजेंद्र राणा ने खुलासा करते हुए कहा कि कांग्रेस में इन विधायकों का दम घुट रहा है और वह भी जल्द ही पार्टी को छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि सुक्खू सरकार लोगों का भरोसा और बहुमत दोनों ही खो चुकी है।
सीएम सुक्खू को डर, सीपीएस ना छोड़ जाएं पार्टी
वहीं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि लोकतंत्र में चुने हुए प्रतिनिधियों का सम्मान ना करना लोकतंत्र का निरादर है। पहले सीएम सुक्खू ने विधायकों का सम्मान नहीं किया। जब उनके छह विधायकों ने पार्टी को छोड़ दिया तो अब सीएम सुक्खू ने अपने सीपीएस के साथ पुलिस के जवान लगा दिए हैं। उन्हें डर है कि कहीं वह भी पार्टी को छोड़ कर ना चले जाएं। सुक्खू सरकार को अब विधायकों का महत्व समझ आ रहा है।
सचिवालय को बना दिया फ्रेंडस कैफे
वहीं सुधीर शर्मा ने भी सुक्खू सरकार पर जमकर हमला बोला। सुधीर शर्मा ने कहा कि वर्तमान सरकार कांग्रेस की नहीं मित्रों की सरकार है और सचिवालय फ्रेंड्स कैफे बन गया है।
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मंत्रियों के पद बांटना और मंत्री का दर्जा देना मानो जैसे मजाक चल रहा है। बार बार खजाना खाली होने की बात कह कर विधायकों के विकास कार्य रोके जा रहे हैं। ऐसे में इस सरकार में बने रहने का कोई औचित्य नहीं है।