Sunday, September 8, 2024
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हिमाचल: ताऊ ने अपनी ही भतीजी को कर दिया था प्रेग्नेंट, मिली ये सजा

धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश में आए दिन बच्चियों, युवतियों और महिलाओं के साथ होने वाले यौन अपराधों से जुड़े ढेरों मामले सामने आते हैं। इन मामलों में पीड़िताओं को इंसाफ पाने के लिए लंबे वक्त तक इंतजार करना पड़ता है। मगर हिमाचल के जिला कांगड़ा में अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार की अदालत ने दो साल की सुनवाई के बाद ही दुष्कर्म के आरोपी को कठोर कारावास की सजा सुना दी है।

भतीजी के साथ ताऊ ने किया था मुंह काला

यह मामला 28 जनवरी, 2022 का है। पीड़िता उस वक्त दादा के देहांत के बाद अपनी बीमार दादी और ताऊ के साथ दादा के घर में रहती थी। पीड़िता का ताऊ लगभग एक साल तक उसके साथ दुष्कर्म जैसी घिनौनी वारदात को अंजाम देता रहा।

दो महीने की गर्भवती हुई बेटी

इसी बीच एक दिन अचानक पीड़िता की तबीयत खराब हो गई। जिसके चलते उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया तो पता चला की पीड़िता दो महीने की प्रेग्नेंट है। इसके बाद पीड़िता की मां ने जब अपनी बेटी से पूछा तो उसने सारी सच्चाई अपनी मां को बताई।

एक साल तक करता रहा गंदा काम

पीड़िता ने अपनी मां को बताया कि उसका ताऊ करीब एक साल तक उसके साथ गंदा काम करता रहा है। उसने इस बारे में किसी को भी कुछ बताने से मना किया था और जान से मारने की धमकी भी दी थी।

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इसके बाद पीड़िता की मां ने नगरोटा बगवां पुलिस थाना में आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी। जिस पर संज्ञान लेते हुए पुलिस ने आरोपी ताऊ के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद मामला कोर्ट में पहुंचा।

दोषी ताऊ को मिली कठोर सजा

जहां दो साल तक सुनवाई चली और मुकदमे के दौरान कोर्ट में 29 गवाहों को पेश करने, सभी दलीलों को सुनकर अदालत ने पीड़िता के ताऊ को दोषी पाया। अब कोर्ट ने भतीजी के साथ दुष्कर्म करने वाले दोषी ताऊ को 22 साल के कठोर कारावास और 20 हजार रुपए जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई गई है।

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अदालत ने दोषी को यह सजा पोक्सो धारा-6 के तहत सुनाई गई है। साथ ही दोषी को धारा 506 के तहत एक साल की सजा और पांच हजार रुपए मुआवजा देने के भी आदेश दिए गए हैं। वहीं, जुर्माना ना देने पर सजा की वृद्धि का भी प्रावधान किया गया है। इसके अलावा अदालत ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तहत पीड़िता को पांच लाख रुपए मुआवजा देने के भी आदेश दिए हैं।

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