शिमला। साल दो साल पहले की बात है जब हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री की तरफ से इस बात का दावा किया जाता था कि हमने शिक्षा के मामले में देश के सबसे शिक्षित राज्य केरल को भी पीछे छोड़ दिया है। मगर इसी साल दो साल के अंतराल में स्थिति इतने बिगड़ गई है कि हिमाचल पहले दूसरे स्थान से फिसलकर काफी नीचे पहुंच गया है।
प्रदेश की मौजूदा सरकार के द्वारा लगातार इस बात के दावे किए जा रहे हैं कि हम हिमाचल में शिक्षा की स्थिति में सुधार लाने के लिए प्रयासरत हैं। निजी स्कूलों के तर्ज पर हिमाचल के सरकारी स्कूलों में शिक्षा दी जाएगी। मगर असल स्थिति पर अगर आप नजर डालते हैं तो कहानी कुछ और मिलेगी।
यहां समझें: कितने पद हैं खाली
एक ताजा मीडिया रिपोर्ट के अनुसार हिमाचल प्रदेश के भीतर शिक्षकों के 17 हजार से अधिक पद खाली चल रहे हैं। प्रदेश के कॉलेजों में जहां आज के वक्त 85 हजार पद भरे होने चाहिए। वहीं, प्रदेश की आर्थिकी खराब होने के कारण और सरकारों के लचर रवैये की वजह से मात्र 67 हजार पद ही भरे हुए हैं। प्रदेश के स्कूलों में शिक्षकों की कमी होने के कारण जहां छात्रों को पढ़ाई करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में मौजूद स्कूलों में तो स्थिति और भी खराब होती जा रही है।
सुखराज में हुई कितनी भर्तियां
आपको बता दें कि प्रदेश में सुक्खू सरकार बनने के बाद शिक्षा विभाग ने 6 हजार पदों पर भर्ती शुरू करने का फैसला किया था। मगर बाद में यह मामला कोर्ट में चला गया, जिस कारण से अबतक ये भर्ती लटकी हुई है।
सुक्खू सरकार 1 जनवरी 2023 से 31 दिसंबर 2023 तक शिक्षकों के 1177 पद सीधी भर्ती के माध्यम से भरे गए हैं। इसके अलावा 2330 पद पद्दोन्नतियों के माध्यम से भरे गए हैं। मगर यह संख्या जरूरत के हिसाब से काफी छोटी है।
शिक्षा मंत्री बोले-भर्ती जारी है और सरकार लगी है गेस्ट टीचर के जुगाड़ में।
वहीं, इस विषय पर सवाल किए जाने पर प्रदेश के शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर का कहना है कि उनके विभाग की तरफसे भर्तियां की जा रही हैं। टीजीटी और जेबीटी को जल्द नियुक्त कर दिया जाएगा।
वहीं, दूसरी तरफ बताया ये जा रहा है कि प्रदेश सरकार बिगड़ी हुई आर्थिक स्थिति होने के कारण गेस्ट फैकल्टी का जुगाड़ करने में जुटी हुई है। हालांकि, इसका लगातार विरोध भी किया जा रहा है और फिलहाल ये मामला कोर्ट में विचाराधीन भी है।