शिमला। हिमाचल प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों ने एक बार फिर सरकार से एरियर की मांग शुरू कर दी है। हाल ही में दिए गए 4 फीसदी डीए का एरियर मांगने की कवायत अब तेज हो गई है। जिसके बाद से अब सरकार के सामने एक बार फिर मुसीबत आन पड़ी है।
1000 करोड़ की दरकार
बता दें कि सरकार द्वारा दिए गए चार प्रतिशत डीए का एरियर करीब 1000 करोड़ रुपये बनता है, जो कि 42 महीनों की अवधि का है। कर्मचारी और पेंशनर चाहते हैं कि सरकार इस लंबित एरियर का भुगतान शीघ्रता से करे, लेकिन आर्थिक दबाव के कारण सरकार के लिए तुरंत भुगतान करना संभव नहीं है।
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8 वर्षों का एरियर जमा
पूर्व भाजपा सरकार ने छठे वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने पर कर्मचारियों को एरियर की पहली किस्त के रूप में 50,000 रुपये दिए थे, जबकि वर्तमान में वेतन आयोग का कुल एरियर 9000 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। अब तक, लंबित एरियर आठ वर्षों का जमा हो चुका है और इसकी अदायगी 31 मार्च 2024 तक होनी है।
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कर्मचारी कर रहे लगातार मांग
हाल ही में, राज्य सचिवालय सेवाएं कर्मचारी महासंघ का एक प्रतिनिधिमंडल अध्यक्ष संजीव शर्मा की अगुवाई में मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना से मिला था जिसमें डीए का एरियर देने की मांग की गई। महासंघ के महासचिव कमल कृष्ण शर्मा ने कहा कि सरकार को डीए के एरियर का भुगतान करना चाहिए, ताकि वेतन आयोग के लंबित एरियर और डीए की दो किस्तें दी जा सकें।
सरकार जुटा रही पैसा
वहीं, प्रधान सचिव वित्त देवेश कुमार ने कहा कि सरकार ने पहले ही डीए की एक किस्त दी है और आगे की वित्तीय स्थिति पर चर्चा की जाएगी। वर्तमान सरकार ने पहली जनवरी, 2023 से चार प्रतिशत डीए कर्मचारियों और पेंशनरों को दिया है, लेकिन इसका एरियर अभी तक नहीं दिया गया है। कर्मचारी 42 महीनों से इस एरियर का इंतजार कर रहे हैं।
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बाकी है किस्तें
बता दें कि अभी महंगाई भत्ते की लंबित किस्तें भी बाकी है। जिसमें कर्मचारियों को पहली जुलाई, 2022 और पहली जनवरी, 2023 का चार-चार प्रतिशत डीए मिलना बाकी है। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों को तीन प्रतिशत डीए प्रदान किया है, जिससे कुल मिलाकर 11 प्रतिशत डीए की मांग की जा रही है। प्रदेश में कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है और सभी की नजरें सरकार की कार्रवाई पर टिकी हैं।