शिमला। हिमाचल प्रदेश की सबको सरकार इस चुनावी मौसम के बीच नया कर्ज लेने जा रही है। प्रदेश में लागू आदर्श चुनाव आचार संहिता के बीच प्रदेश सरकार ने अपनी प्रतिबद्ध देनदारी को चुकाने के लिए 700 करोड रुपए का नया कर्ज लेने हेतु आवेदन किया है। आपको बता दें कि अप्रैल माह से लेकर अब तक प्रदेश सरकार द्वारा लिया जा रहा यह दूसरा कर्ज है।
अप्रैल में ही लिया था हजार करोड़ का कर्ज
इससे पहले प्रदेश की सुक्खू सरकार ने बीते 3 अप्रैल को 1000 करोड रुपए का लोन लिया था जिसके बाद अब जाकर 700 करोड रुपए के नए कर्ज के लिए बीते कल आवेदन किया गया है। सामने आई जानकारी के अनुसार इसी माह की 7 तारीख को इस कर्ज हेतु नीलामी की प्रक्रिया पूरी होगी और अगली तारीख यानी की 8 में को सरकार के खाते में यह पैसा पहुंच जाएगा। प्रदेश सरकार द्वारा यह नया कर्ज 9 साल के लिए लिया जा रहा है।
यह भी पढ़ें: पति संग हिमाचल आई महिला परलोक सिधारी: पिता बोले- दामाद ने छीन लिया
गौर रहेगी इस साल के दिसंबर माह तक के लिए सरकार को 6200 करोड रुपए का कर्ज लेने की ही इजाजत मिली हुई है इसमें से 1700 करोड रुपए सरकार 8 में तक ही कर्ज के रूप में ले लेगी। यानी इसके बाद दिसंबर माह तक सरकार के पास कर्ज लेने की लिमिट मात्र 4500 करोड रुपए ही बचेगी।
पंजाबियों से ज्यादा कर्ज हिमाचल वासियों पर
कर्ज के मामले में हिमाचल प्रदेश की हालत पड़ोसी राज्य पंजाब से भी ज्यादा खराब हो गई है। इस समय पंजाब सरकार पर साढ़े तीन लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज है। पंजाब की अनुमानित जनसंख्या 3.17 करोड़ है। इस हिसाब से वहां के हर व्यक्ति पर करीब एक लाख 12 हजार रुपए का कर्ज है।
हिमाचल पर 90 हजार करोड़ रुपए का कर्ज
वहीं, अब हिमाचल सरकार पर भी 90 हजार करोड़ रुपए का कर्ज चढ़ चुका है। हिमाचल प्रदेश की अनुमानित जनसंख्या करीब 70 लाख है। इस हिसाब से यहां पर हर व्यक्ति पर लगभग 1,28,571 रुपए का कर्ज चढ़ गया है।