सोलन। देवभूमि हिमाचल प्रदेश के लोगों के बारे में माना जाता है कि यहां के लोग छल-कपट, चोरी जैसे चीजों से दूर रहते हैं। मगर बदलते वक्त से साथ लोगों के स्वभाव में भी बदलाव आता है और उनकी नियत में भी। ऐसे ही कुछ अब हमारे हिमाचल में भी देखने को मिले रहा है। दरअसल, आज 24 घंटे के भीतर दो सरकारी कर्मचारियों को रिश्वत लेते पकड़ा गया है।
24 घंटे में दूसरा केस
पहला मामला जहां सूबे के उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्नहोत्री के गृहक्षेत्र हरोली से सामने आया था, जहां एक एएसआई को 3 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था। वहीं, अब दूसरा मामला सूबे के सोलन जिले से सामने आया है, जहां पर विजिलेंस की टीम द्वारा पंचायत सचिव को रिश्वत लेते हुए अरेस्ट किया गया है।
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आरोपी की पहचान जानें, मांगे थे इतने पैसे
आरोपी पंचायत सचिव का नाम मनीष कुमार बताया गया है, जो कि किशनपुर पंचायत में अपनी सेवाएं दे रहा था। यहां उसने जन्म प्रमाण पत्र बनाने के एवज में 1200 रुपए रिश्वत की मांग की थी। जिस युवक द्वारा इस मामले की शिकायत विजिलेंस से की गई थी वह अपने भाई का जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए पंचायत सचिव के पास पहुंचा हुआ था।
कहा- पैसों के बिना नहीं मिलेगा प्रमाण पत्र
युवक ने विजिलेंस की टीम को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया था कि पंचायत सचिव मनीष ने उससे रिश्वत की मांग करते हुए कहा था, यदि वह पैसे नहीं देता है तो वह प्रमाण पत्र जारी नहीं करेगा। ऐसे में पहले तो युवक ने सचिव को रिश्वत देने से साफ़ इनकार कर दिया मगर पंचायत सचिव मनीष ने अपनी जिद नहीं छोड़ी।
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रंगे हाथों पकड़ा गया, जाएगी नौकरी!
इसके बाद युवक ने विजिलेंस की टीम का सहारा लेना उचित समझा और उन्हें पूरे मामले के बारे में अवगत कराया। वहीं, जानकारी पाने के बाद विजिलेंस की टीम ने प्लान बनाकर पंचायत सचिव को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों धर दबोचा। मामले की पुष्टि विजिलेंस एसपी अंजुम आरा ने की हैं। उन्होंने बताया है कि नियमानुसार आगामी कार्रवाई को अमल में लाया जा रहा है। कल आरोपी को अदालत के सामने पेश किया जाएगा।