सिरमौर। पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश हमेशा से ही अपनी प्राकृतिक संपदा के लिए जाना जाता रहा है। मगर कई बार इसके दोहन करने से होने वाले दुष्परिणाम भी सामने आते रहे हैं।
ऐसा ही एक ताज़ा मामला सूबे के जिला सिरमौर से सामने आया है। जहां बताया गया कि, अवैध तरीके से डंप किए जा रहे माइनिंग के मलबे से एक पूरा गांव खतरे की जद में आ गया है।
मलबे से धंसता जा रहा है पूरा गांव
प्राप्त जानकारी के अनुसार, हिमाचल और उत्तराखंड की सीमा पर बसा जिला सिरमौर का खतवाड़ गांव सरकार की अनदेखी के कारण खतरे में पड़ गया है।
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बताया गया कि यहां क्षेत्र में चल रहे भूमि कटाव के चलते माइनिंग का मलबा लगातार गांव के किनारे गिराया जा रहा है। जिससे यह गांव लगातार धंसता जा रहा है। स्थानीय लोगों ने बताया कि इस मलबे से पहले भी गांव में भारी तबाही हुई है। कई खेतों को भारी नुकसान पहुंचा है।
खनन विभाग पर लगाए मिली भगत के आरोप
स्थानीय लोगों ने रोष व्यक्त हुए कहा कि इस बारे में पहले भी कई बार सरकार व जिला स्तर पर अधिकारियों को शिकायतें की जा चुकी हैं। मगर सरकार व अधिकारियों द्वारा कोई भी कार्रवाई अमल में नहीं लाई जाती है।
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ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि उच्च अधिकारियों के दखल के बाद, जो निर्देश यहां पर जिला खनन अधिकारी को दिए गए थे उसकी पालना भी नहीं की जा रही है। ग्रामीणों ने खनन विभाग पर सीधे तौर से मिली भगत होने के आरोप लगाए हैं।
रेड जोन घोषित किया गया है गांव
ग्रामीणों का आरोप है कि सरकार की अनदेखी ऐसी ही चलती रही तो एक दिन इस गांव का नाम-ओ-निशान मीट जाएगा। उन्होंने कहा कि उच्च अधिकारियों के निरीक्षण के बाद इस गांव को रेड जोन घोषित किया गया है। मगर प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है।
जिस कारण यहां वन विभाग की भूमि पर अरबों टन मलबा डम्प किया गया है। लोगों ने एक बार फिर से सरकार को चेताते हुए कहा कि, इस गांव को मलबे में बहने से पहले कोई कठोर कदम उठा ले। नहीं तो आने वाले समय में यहां का दृष्य बहुत अधिक भयवाह होगा।