शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में बीते 21 मार्च को एक युवक की पीट-पीट कर हत्या करने का मामला सामने आया था। इस प्रकरण की जांच को आगे बढ़ाते हुए पुलिस ने साक्ष्यों के आधार पर सात आरोपियों को हिरासत में लिया है। बताया जा रहा है कि चोरी करने के शक व मंदिर में आग लगाने को लेकर कुछ स्थानीय लोगों ने युवक पर हमला किया था। हमले में युवक को बुरी तरह पीट-पीट कर मौत के घाट उतार दिया गया था।
मां को बताया था- गिरकर मरा तुम्हारा बेटा
विदित रहे कि मृतक युवक की माता तारा देवी ने पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि उसका बेटा जिसका नाम टिकमचंद था वो पिछले 8 साल से गांव खरयाड़ में सेवानंद नाम के एक व्यक्ति के घर में मजदूरी का कार्य करता था। आगे उन्होंने बताया कि बीते 22 मार्च को मकान मालिक सेवानंद की पत्नी प्रभा ने उसे फोन किया।
फोन पर उसने बेटे की गिरने के कारण मौत हो गई बताई। साथ ही बताया कि वे शव का अंतिम संस्कार कर रहे हैं। उसे यह बताया गया था कि उसके बेटे ने मंदिर में चोरी की है और गिरने की वजह से उसकी जान गई है।
एक गवाह ने बदल दिया केस, दबाने की कोशिश में थे ग्रामीण
बताया जा रहा है कि इस मामले को स्थानीय ग्रामीणों ने दबाने की कोशिश की लेकिन पुलिस को एक ऐसा चश्मदीद मिला, जिसने वारदात की पूरी कहानी बता दी। पुलिस की फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल व श्मशान घाट से सबूत एकत्रित किए, जिसमें हड्डियों के अवशेष, ब्लड और मिट्टी के सैंपल शामिल थे।
इसके अलावा डीएनए मिलाने के लिए मृतक की मां के खून के नमूने जांच के लिए एफएसएल भेजे गए। इसके बाद जांच में जब सच सामने आया तो आरोपियों की गिरफ्तारी हुई।
सात आरोपियों की पहचान
मामले की पुष्टि करते हुए पुलिस द्वारा बताया गया है कि, हिरासत में लिए गए सात आरोपियों की पहचान, राजीव, गीता राम, ताराचंद, आशीष, विनय, हेमंत और शंकर लाल के रूप में की गई है। यह सभी आरोपी गलोट पंचायत के शिलडू गांव के रहने वाले हैं। बता दें कि, घटना के दिन बाद मृतक की मां की शिकायत पर पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज किया था।