शिमला/बिलासपुर। माता-पिता अपने बच्चों का भविष्य संवारने के लिए हर छोटे से छोटा काम करने को तैयार हो जाते हैं। ऐसे ही एक पिता ने पेड़ के नीचे बैठकर चना मूंगफली बेची और अपने तीन बच्चों को पढ़ाया लिखाया। आज उनके तीनों बच्चे सरकारी नौकरी में हैं। लेकिन फिर भी उनके पिता अभी भी उसी पेड़ के नीचे बैठ कर चना मुंगफली बेच रहे हैं। मामला राजधानी शिमला से सामने आया है।
पांच दशकों से बेच रहे हैं चना-मूंगफली
दरअसलए राजधानी शिमला के सबसे अधिकतम व्यस्त स्थानए रिज मैदान पर 65 वर्षीय बुजुर्ग एक पेड़ के नीचे बैठकर चना.मूंगफली बेचकर अपने दिन व्यतीत कर रहा है। बुजुर्ग का नाम रतन लाल गौतम है।
बुजुर्ग रतन लाल से जब बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि वर्ष 1976 में शिमला के रिज मैदान पर चने और नमकीन बेचना शुरू किया था। बीते पांच दशकों से लगातार वो इस काम को वहीं बैठे कर रहे हैं।
बच्चे करते हैं जिद्द, अब न करें ये काम
गौतम ने कहा कि वो मूलतः हिमाचल प्रदेश के जिला बिलासपुर के तहत आती तहसील जुन्गा के रहने वाले हैं। मेरे दो बेटे व एक बेटी हैए तीनों को चना-मूंगफली बेचते-बेचते ही पढ़ाया। अपनी निरंतर मेहनत व लगन से काम करते हुए तीनों बच्चे सरकारी नौकरी में लगे। जिनकी शादियां भी करवा दी गई हैं।
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बुजुर्ग रतन लाल ने रुआंसी आंखों से बताया कि तीनों बच्चों ने यह काम न करने की कई बार जिद्द कीए लेकिन मैंने हर बार उनकी बात अनसुनी की है। चूंकि, वह इस कार्य से कई वर्षों से जुड़े है, तो इतना जल्दी इस कार्य को नहीं छोड़ सकते।
कहा, लोग चटकारे लेकर आनंद से खाते हैं
रतन लाल का कहना है किए हमें लगातार मेहनत करते रहना चाहिए। जिससे हमारा शारीर स्वस्थ रहता है। उन्होंने कहा कि रिज मैदान पर आज भी हजारों-लाखों पर्यटक व स्थानीय लोग उनके बनाए गए चने और विभिन्न प्रकार की नमकीन को चटकारे लेकर खाते हैं। बुजुर्ग रतन लाल मसाले वाली मूंगफली, चने, फ्राइड मुगफली और आलू चिप्स बेचते हैं।
युवाओं के लिए दिया यह सन्देश
युवाओं को सन्देश देते हुए रतन लाल ने कहा किए आज के दौर में युवा जिस तरह तेजी से नशे की गिरफ्फ़ में आ रहा है यह बहुत ही चिंतनीय है। युवाओं को अपने लिए लक्ष्य निर्धारित कर उन्हें हासिल करने के लिए प्रयत्नशील रहना चाहिएए क्योंकि निरंतर प्रयास से ही सफलता हासिल की जा सकती है।