शिमला। हिमाचल प्रदेश में आए दिन बच्चियों, युवतियों और महिलाओं के साथ होने वाले यौन अपराधों से जुड़े ढेरों मामले सामने आते हैं। इन मामलों में पीड़िताओं को इन्साफ पाने के लिए लम्बे वक्त तक इंतज़ार करना पड़ता है। मगर हिमाचल की राजधानी शिमला में विशेष न्यायाधीश पॉक्सो अमित मंडयाल की अदालत ने दो वर्ष की सुनवाई के बाद ही दुष्कर्म के आरोपी को कठोर करावास की सजा सुना दी है।
7 साल की बच्ची के साथ किया था मुंह काला
यह मामला 17 अप्रैल, 2021 का है। सात साल की पीड़िता उस वक्त अपने घर के बाहर खेल रही थी। इसी दौरान पड़ोस में रहने वाला व्यक्ति दीपक बटालू उसे फोन दिखाने के बहाने अपने घर ले गया और फिर उसके साथ दुष्कर्म जैसी घिनौनी वारदात को अंजाम दे डाला।
मां ने खून निकलते देखा तब हुआ खुलासा
इसके बाद पीड़िता को जब खून निकलने लगा तो उसने अपनी मां को पूरी बात बताई। इसके बाद पीड़िता के पिता ने पुलिस थाना कसुम्पटी में आरोपी के खिलाफ मामले में एफआईआर दर्ज करवाई। वहीं, पुलिस ने मामले में संज्ञान लेते हुए आरोपी के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद मामला कोर्ट में पहुंचा।
कोर्ट ने सुनाई ये सजा
जहां दो साल तक सुनवाई चली और मुकदमे के दौरान कोर्ट में 20 गवाहों को पेश करने, सभी दलीलों को सुनकर अदालत ने दीपक बटालू को दोषी पाया। अब कोर्ट ने सात साल की बच्ची से दुष्कर्म करने वाले दोषी को 25 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है।
दोषी को ये सजा आईपीसी की धारा 376 एबी और पॉक्सो अधिनियम की धारा 6 के तहत दी गई है। साथ ही उसे 25 हजार रुपए का जुर्माना और दो लाख रुपए मुआवजा देने के भी आदेश दिए गए हैं। वहीं, जुर्माना और मुआवजा ना अदा करने की सूरत में सजा की वृद्धि का भी प्रावधान तय किया गया है।