शिमला। हिमाचल प्रदेश में अपनी ही पार्टी से बगावत कर चुके छह कांग्रेस विधायकों पर अब धोबी का कुत्ता ना घर का ना घाट का कहावत सच होती दिखाई दे रही है। विधानसभा सदस्यता रद् होने पर कांग्रेस के छह और तीन निर्दलीय विधायकों को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली है। जिससे अब इनकी मुश्किलें बढ़ने वाली है। अब यह विधायक ना तो वापस कांग्रेस में आ सकते हैं और बीजेपी के दरवाजे भी इनके लिए बंद ही नजर आ रहे हैं।
बागी विधायक ना इधर के रहे, ना उधर के रहे
दरअसल बीजेपी पार्टी में शामिल होने की शह पर अपनी ही पार्टी से बगावत करने वाले इन विधायकों के रास्ते में अब कांटों का अंबार लग गया है। यह कांटों का अंबार किसी और ने नहीं बल्कि बीजेपी के दिग्गज नेताओं ने लगाया है। वहीं दूसरी तरफ बीजेपी हाईकमान भी इन बागी विधायकों की पार्टी में जबरन एंट्री करवाकर 2022 के विधानसभा चुनावों की तर्ज पर बगावत झेलने के मूढ़ में नही है। विधानसभा चुनाव में बीजेपी के 21 दिग्गजों ने पार्टी से बगावत कर भाजपा के मिशन रिपीट की गाड़ी को ब्रेक लगा दी थी।
अपने अपने क्षेत्रों में एक्टिव हुए बीजेपी नेता
विधानसभा चुनाव में बीजेपी के 21 दिग्गजों ने पार्टी से बगावत कर भाजपा के मिशन रिपीट की गाड़ी को ब्रेेक लगा दी थी। ऐसे में अब बीजेपी लोकसभा चुनावों में इन बागियों की एंट्री से कोई नुकसान उठाना नहीं चाहती है। चुनाव आयोग द्वारा लोकसभा के साथ उपचुनाव की घोषणा करने के बाद से बीजेपी के दिग्गज नेता अपने अपने क्षेत्रों में एक्टिव हो गए हैं। अब इन दिग्गज नेताओं को साइड लाइन कर बीजेपी हाईकमान कांग्रेस के बागियों को टिकट कैसे देगी, यह सोचने वाली बात है। वहीं बीजेपी नेता भी इन बागियों की पार्टी में एंट्री को रोकने के लिए जाल बिछाने में जुट गए हैं।
वीरेंद्र कंवर ने शुरू किया जनसंपर्क अभियान
बता दें कि कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी के दिग्गज नेता व पूर्व मंत्री वीरेंद्र कंवर ने उपचुनाव की घोषणा के बाद से जनसंपर्क अभियान तेज कर दिया है। वह प्रतिदिन अपने क्षेत्र में जनसभाएं कर रहे हैं और जनता के बीच बीजेपी की नीतियों का बखान कर रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस के बागी देवेंद्र कुमार भुट्टो की यहां से बीजेपी में एंट्री आसान नहीं होगी।
पूर्व मंत्री राम लाल मारकंडा ने शिमला में डाला डेरा
वहीं दूसरी तरफ उपचुनाव की घोषणा होते ही लाहौल स्पीति से पूर्व विधायक और पूर्व मंत्री डॉ रामलाल मारकंडा ने भी शिमला में डेरा डाल दिया है। वह पिछले दो दिन से शिमला में डटे हुए हैं और जल्द ही अपने क्षेत्र में जन संपर्क अभियान शुरू करने वाले है। ऐसे में कांग्रेस के बागी रवि की बीजेपी में एंट्री करवाने के रास्ते में रामलाल मारकंडा भी कांटों का जाल बिछाने में जुटे हुए हैं।
राजेंद्र राणा की राह में धूमल परिवार बनेगा रोड़ा
वहीं धूमल गुट के कट्टर दुश्मन माने जाने वाले राजेंद्र राणा की भी बीजेपी में शामिल होने की राह आसान नहीं होगी। धूमल परिवार के रहते राणा की बीजेपी में एंट्री ना के बराबर ही मानी जा रही है। इसका एक बड़ा कारण राजेंद्र राणा द्वारा 2017 के विधानसभा चुनाव में धूमल को हराना और 2014 का लोकसभा चुनाव अनुराग ठाकुर के खिलाफ लड़ना है।
बीजेपी सुधीर को दे सकती है लोस टिकट
हालांकि बीजेपी धर्मशाला के विधायक सुधीर शर्मा को जरूर लोकसभा का टिकट देकर उन्हें अपने पाले में डाल सकती है। वहीं गगरेट से चैतन्य शर्मा और बड़सर में आईडी लखनपाल की भी भाजपा में एंट्री आसान नहीं है। गगरेट में बीजेपी का बड़ा चेहरा राजेश ठाकुर और पूर्व विधायक बलवीर सिंह चौधरी को चैतन्य शर्मा की पार्टी में एंट्री बगावत के लिए मजबूर कर सकती है। जबकि, बड़सर में भी आईडी लखनपाल की बीजेपी में एंट्री से बलदेव शर्मा भाजपा से छिटक सकते हैं।