हिमाचल: हिमाचल प्रदेश की 6 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं मगर कांग्रेस पार्टी अभी तक तीन विधानसभा और दो लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों के नाम ऐलान नहीं कर पाई हैं। भाजपा नेताओं का कांग्रेस आना तो कांग्रेस पार्टी और उनके लोगों ने स्वीकार लिया है, किन्तु उनको उपचुनावों में टिकट दिया जाए, यह बात पार्टी समर्थकों को पसंद नहीं आ रहा है। इसके चलते समर्थक नाराज नज़र आ रहे हैं।
राकेश कालिया को गगरेट विधानसभा क्षेत्र से, कैप्टन रंजीत सिंह राणा सुजानपुर और कुटलैहड़ से विवेक को टिकट दिए जाने पर भी पार्टी समर्थकों में मतभेद दिखाई दे रहा है।
धर्मशाला में विरोध होना तय
विधानसभा उपचुनावों के लिए कांग्रेस पार्टी 6 में से केवल तीन ही टिकटों पर अबतक प्रतियाशियों के नामों पर मुहर लगाई है। बची हुई तीन सीटों पर नामों कि घोषणा करने में कांग्रेस प्रदेश कांग्रेस हाई कमान को समर्थकों के विरोध का सामना करना पड़ सकता है।
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इसी बीच धर्मशाला विधानसभा सीट से भाजपा के पूर्व प्रत्याशी राकेश चौधरी के कांग्रेस पार्टी में जाने तेज हो गई हैं। ऐसे में अटकलें लगाई जा रही हैं कि कांग्रेस उन्हें धर्मशाला से टिकट देकर सुधीर शर्मा के विरोध में खड़ा कर सकती है। लेकिन सुधीर शर्मा के पार्टी को छोड़ने के बाद से ही कांग्रेस नेता देवेंद्र जग्गी की टिकट पक्की समझी जा रही थी। ऐसे में अब अगर बढ़ते विरोध के बीच कांग्रेस किसी और को टिकट देती है तो उसे अपने ही समर्थकों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ सकता है।
बड़सर में भी हो सकता है विरोध
वहीं, बड़सर विधानसभा क्षेत्र में भी टिकट की दौड़ में तीन नेताओं के बीच स्पर्धा हैं। पार्टी के बीच संजय, शर्मिला पटियाल और पूर्व विधायक मनजीत डोगरा के नामों पर चर्चा चल रही है, जिसमें से केवल किसी एक को ही टिकट मिलना है। ऐसे में यहां भी कांग्रेस को समर्थकों का विरोध सहना पड़ेगा।
लाहौल स्पीति में मारकंडा ने बदला गेम
इसी तरह लाहौल स्पीति में भाजपा के रामलाल मारकंडा भी पार्टी से नाराजगी ज़ाहिर कर चुके हैं। यहां तक कि उन्होंने अपने समर्थकों समेत कांग्रेस में जाने की बात भी कही थी। वो रवि ठाकुर को लाहौल स्पीति विधानसभा क्षेत्र से टिकट दिए जाने को लेकर नाराज चल रहे हैं। बतौर रिपोर्ट्स अगर मारकंडा कांग्रेस में आते हैं तो वो टिकट की मांग करेंगे।
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ऐसे में वहां भी कांग्रेस को विरोध का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, ताजा ख़बरों में ऐसा बताया जा रहा है कि कांग्रेस के संभावित उम्मीदवारों के पैनल से रामलाल मारकंडा का नाम बाहर कर दिया गया है। ऐसे में अब वो निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनावी समर में ताल ठोंक सकते हैं।
संगठन के लोगों को दी जाएगी प्राथमिकता
वहीं, इस विषय को लेकर कांग्रेस के उपाध्यक्ष नरेश चौहान ने मीडिया से बातचीत में कहा कि पार्टी संगठन के लोगों को अधिक प्राथमिकता देगी। उनके मुताबिक मुख्यमंत्री सुक्खू भी संगठन से निकले हुए नेता हैं। भाजपा से बेशक कई लोग पार्टी में आ रहे हैं लेकिन पार्टी की पहली प्राथमिकता संगठन के लोगों के प्रति ही रहेगी। उन्होंने बताते हुए कहा कि जल्द ही प्रत्याशी घोषित का दिए जाएंगे तथा सर्वे के आधार पर ही विधानसभा चुनावों में टिकटों का वितरण किया जाएगा।