धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश में कई हेक्टेयर सरकारी भूमि पर लोगों ने अवैध कब्जा कर रखा है। कई बार शिकायत मिलने पर प्रशासन नींद से जाग जाता है और कई लोगों पर कार्रवाई भी करता है।
ऐसा ही एक मामला हिमाचल के कांगड़ा जिला से सामने आया है। यहां पर वन भूमि पर कब्जा करना एक पंचायत के वार्ड मेंबर को भारी पड़ गया। शिकायत मिलने के बाद जिला प्रशासन ने कार्रवाई की और इस वार्ड मेंबर की कुर्सी को भी छीन लिया गया।
कांगड़ा की सुलह पंचायत के वार्ड मेंबर पर गिरी गाज
मिली जानकारी के अनुसार जिला कांगड़ा के विकास खंड सुलह के तहत आते धीरा पंचायत के एक वार्ड मेंबर ने वन भूमि पर पिछले 41 वर्षों से कब्जा कर रखा था। जिसकी शिकायत गांव के एक ही एक शख्स ने डीसी कांगड़ा हेमराज बैरवा से की थी।
शिकायत मिलने पर जब डीसी कांगड़ा ने मामले की जांच करवाई तो शिकायह सही पाई गई। जिस पर डीसी कांगड़ा ने वार्ड मेंबर को उसके पद से हटाने के आदेश जारी किए।
गांव के व्यक्ति की शिकायत पर हुई कार्रवाई
डीसी कांगड़ा ने अपने आदेशों में लिखा है कि वन भूमि पर कब्जा करने पर यह कार्रवाई की गई है। डीसी कांगड़ा ने संबंधित वार्ड के सदस्य का पद खाली होने के बारे में लिखित में आदेश जारी किए हैं।
बता दें कि आरोपी वार्ड मेंबर के खिलाफ 18 अक्तूबर, 2023 को धीरा पंचायत के ही एक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज करवाई थी। व्यक्ति ने अपनी शिकायत में वार्ड मेंबर द्वारा वन भूमि पर अवैध कब्जा करने के आरोप लगाए थे।
वार्ड मेंबर ने नामांकन भरते समय कहा था झूठ
वहीं 17 अप्रैल, 2023 को नामांकन भरने के दौरान वार्ड मेंबर ने बताया था कि उसने किसी भी सरकारी भूमि पर कोई कब्जा नहीं किया है। हालांकि 5 अगस्त, 2023 को तहसीलदार कार्यालय धीरा की ओर से वार्ड मेंबर को पिछले 41 वर्षों से वन विभाग की भूमि पर गोशाला बनाकर अवैध कब्जे को हटाने के आदेश दिए गए थे। जिसके बाद वार्ड मेंबर ने इस कब्जे को स्वंय हटाया था।
पंचायत संपत्ति को सचिव के पास जमा करवाने के दिए आदेश
मामले की सुनवाई के दौरान वार्ड सदस्य को अपना स्पष्टीकरण देने को कहा गया था। लेकिन वार्ड सदस्य की तरफ से दिए गए जवाब को संतोषजनक ना मानते हुए डीसी कांगड़ा ने वार्ड सदस्य को उसके पद से हटाने के आदेश जारी कर दिए हैं और पंचायत संबंधी संपत्ति को संबंधित पंचायत सचिव के पास जमा करवाने के निर्देश दिए गए हैं।