शिमला : तीन निर्दलीय विधायकों के इस्तीफ़े के मामले में अब एक और नया मोड़ आ गया है। जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि इस मामले में स्थिति चुनाव परिणाम के बाद ही स्पष्ट हो पाएगी।
नहीं पहुंचे कोई भी विधायक
बता दें कि सभी तीन निर्दलीय विधायक को विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष 11 मई को पेश होना था। लेकिन तीनों में से कोई भी विधायक उपस्थित नहीं हुए। मंत्री जगत सिंह नेगी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई हेतु इन सभी को विधानसभा अध्यक्ष ने नोटिस दिया था।
विधायकों के उपस्थित नहीं होने के बाद विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पाठानिया ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि सभी विधायकों को उपस्थित होने के लिए एक और मौक़ा दिया जाएगा। जिसकी तारीख़ अनुमानतः चुनाव के बाद ही होगी।
हाई कोर्ट में तीसरे जज का राय अहम
ग़ौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा के तीन निर्दलीय सदस्यों ने बीते 22 मार्च को अपना त्यागपत्र दे दिया था। इस्तीफ़ा मंज़ूर होने का इंतज़ार किए बिना ही तीनों ने बीजेपी जॉइन कर ली।
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मामला कोर्ट में भी गया। जहां कहा गया कि इस्तीफ़ा मंज़ूर करने का विशेष अधिकार विधानसभा अध्यक्ष को है। उनके ही माध्यम से इसका निर्णय होना चाहिए। हालांकि, दो जजों की अलग अलग राय थी। हाई कोर्ट में तीसरे जज के राय को भी सुना जाना है।
स्पीकर कर रहे पद का दुरुपयोग: हंस राज
वहीं, हिमाचल प्रदेश में शुरू हुए सियासी उठापटक के बाद से ही विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया चर्चा में बने हुए हैं। विधानसभा उपचुनाव एवं लोकसभा चुनाव के दौरान चुनाव प्रचार करने को लेकर उनके ख़िलाफ़ भी शिकायत दर्ज कराई गई है।
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पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष एवं चुराह विधायक डॉ हंस राज ने चुनाव आयोग से लिखित शिकायत देकर बताया है कि विधानसभा अध्यक्ष का पद संविधानिक है। इस पद पर रहते हुए चुनाव प्रचार करना अनुचित है।
इस विषय पर जवाब देते हुए कुलदीप पठानिया ने कहा कि मैं सदन के भीतर स्पीकर हूं। सदन के बाहर कांग्रेस पार्टी का कार्यकर्ता और विधायक हूं। आगे भी मंच साझा एवं चुनाव प्रचार करता रहूंगा।