बिलासपुर। हिमाचल प्रदेश में आए दिन बच्चियों, युवतियों और महिलाओं के साथ होने वाले यौन अपराधों से जुड़े ढेरों मामले सामने आते हैं। इन मामलों में पीड़िताओं को इन्साफ पाने के लिए लम्बे वक्त तक इंतज़ार करना पड़ता है। मगर हिमाचल के जिला बिलासपुर और सत्र न्यायाधीश कंबर चिराग भानू सिंह की अदालत ने साढ़े तीन वर्ष की सुनवाई के बाद ही दुष्कर्म के आरोपी को कठोर करावास की सजा सुना दी है।
13 साल की बेटी के साथ पिता ने की घिनौनी हरकत
यह मामला 15 अगस्त, 2020 का है। पीड़िता उस वक्त घर पर अकेली थी। पीड़िता ने पुलिस को बताया कि सुबह करीब 10 बजे उसका पिता सलीम हुसैन उसकी मां से लड़ाई करके काम के लिए घर से बिलासपुर निकल गया। इसके बाद उसका सगा भाई भी अपने काम पर चला गया और उसकी मां भी बाहर कहीं चली गई। इसी बीच सुबह करीब 11 बजे उसका पिता वापस क्वार्टर में आया और उसके साथ दुष्कर्म जैसी घिनौनी वारदात को अंजाम दे डाला और किसी को ना बताने की धमकी भी दी।
इसके बाद पीड़िता ने दोषी पिता के खिलाफ पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवाई। वहीं, पुलिस ने पीड़िता और दोषी का मेडिकल करवाया और फिर मामले में संज्ञान लेते हुए आरोपी के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद मामला कोर्ट में पहुंचा।
अदालत ने सुनाई ये सजा
जहां साढ़े तीन साल तक सुनवाई चली और मुकदमे के दौरान कोर्ट में पीड़िता द्वारा 26 गवाहों को पेश किया गया। जबकि, आोरपी सलीम अपने पक्ष में एक भी गवाह नहीं पेश कर पाया। इसी के चलते सभी दलीलों को सुनकर अदालत ने आरोपी सलीम हुसैन को दोषी पाया। कोर्ट ने 13 साल की बेटी के साथ दुष्कर्म करने वाले दोषी पिता को आईपीसी की धारा 376 एबी और पॉक्सो अधिनियम की धारा 6 के तहत सात साल के कठोर कारावास, 50 हजार रुपए का जुर्माना और तीन लाख रुपए मुआवजा देने की सजा सुनाई है।