शिमला: देश भर में लोकसभा चुनाव की लहर चल रही है। लोकसभा के चार चरणों का मतदान संपन्न हो चुका है और अब 1 जून को हिमाचल प्रदेश की 4 लोकसभा सीटों पर चुनाव और विधानसभा की 6 सीटों पर भी उपचुनाव होना है।
कल नामांकन की अंतिम तिथि थी और सूबे से कुल 84 उम्मीदवारों ने अपना नामांकन दाखिल किया है, जिनमें से महिलाओं की संख्या मात्र 8 है। जो कि उनकी कुल भागीदारी का केवल 6.72 % ही है।
चुनावों में महिलाओं की भागीदारी बहुत कम
गौरतलब है कि भारत सरकार ने कुछ समय पहले ही महिलाओं के लिए संसद में 33% सीटें आरक्षित करने के लिए एक विधेयक पारित किया था, जिसका फायदा आने वाले 2029 लोकसभा चुनावों में देश को मिलेगा। किन्तु वर्तमान में देखा जाए तो आंकड़े विरोधाभास पैदा करते नजर आते हैं।
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केवल हिमाचल की ही बात करें तो 4 लोकसभा सीटों पर कुल 51 प्रत्याशियों में से केवल 5 ही महिला प्रत्याशी हैं। जो महिलाओं कि महज़ 2.04% भागीदारी को दर्शाता है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि राजनीतिक दल महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी को बढ़ाने के लिए क्या कर रहें हैं।
वहीं, विधानसभा उपचुनाव के भी प्रत्याशियों पर नज़र डाली जाए तो पता चलता है कि यहां महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी केवल 0.99% ही है। विधानसभा उपचुनावों के लिए 6 सीटों पर कुल 33 प्रत्याशियों ने नामांकन भरा है, जिसमें से केवल 3 ही महिला उम्मीदवार हैं। आपको बता दें कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा में वर्तमान में केवल एक ही महिला रीना कश्यप MLA हैं।
आखिरी दिन 27 नामांकन दाखिल
बीते कल आयोजित प्रेस वार्ता में राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग ने बताया नामांकन प्रक्रिया के अंतिम दिन चुनाव आयोग को कुल 27 नामांकन पत्र प्राप्त हुए हैं।
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इसमें हमीरपुर संसदीय सीट से तीन, मंडी से सात, कांगडा से 6 तथा शिमला संसदीय क्षेत्र से एक प्रत्याशी ने नामांकन भरा है। वहीं, इस दिन हिमाचल प्रदेश विधानसभा उपचुनावों के लिए 10 नामांकन पत्र प्राप्त हुए हैं।
17 मई तक हो सकती नाम वापसी
आपको बता दें कि, बुधवार 15 मई तक नामांकन पत्रों की छंटनी पूरी हो जाएगी उसके बाद 17 मई तक प्रत्याशी चाहे तो अपना नाम वापस भी ले सकते हैं।