शिमला। हिमाचल में तीन निर्दलीय विधायकों ने अपनी विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। जिस पर सियासत एक बार फिर गर्मा गई है। होशियार सिंह, केएल ठाकुर और आशिष शर्मा के इस्तीफ पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इन तीनों को सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया है। सीएम सुक्खू ने कहा कि यह तीनों आजाद विधायक थे। यानी यह तीनों ना तो कांग्रेस के थे, और ना ही बीजेपी के। ऐसे में इन्हें इस्तीफा देने की जरूरत क्यों पड़ी। उन्होंने सवाल उठाया है कि कहीं इन तीनों ने अपना ईमान नोटों की गड्डियों को देख कर गिरवी तो नहीं रख दिया।
जनता की भावनाओं से किया है खिलवाड़
सीएम सुक्खू ने कहा कि तीनों विधायकों ने इस्तीफा देकर अपने क्षेत्र की जनता की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है। जनता ने उन्हें आजाद प्रत्याशी के रूप में चुना था, लेकिन इन लोगों ने अपना ईमान बेच दिया। इन तीनों विधायकों के इस्तीफे के पीछे कोई बड़ी साजिश है। यही कारण है कि तीनों विधायक हवाई मार्ग से सीआरपीएफ के घेरे में हिमाचल पहुंचे और उसी सुरक्षा घेरे में वापस दिल्ली लौटे। इन तीनों को किसका डर था, जिसके चलते इन्हें सीआरपीएफ की सुरक्षा लेनी पड़ी। इनके क्षेत्र की जनता इन्हें आने वाले चुनावों में जवाब जरूर देगी।
बीजेपी सत्ता हथियाने के लिए अपना रही गलत हथकंडे
इस दौरान सीएम सुक्खू और प्रतिभा सिंह ने बीजेपी पर भी जमकर निशाना साधा। सीएम सुक्खू ने कहा कि जब बीजेपी वोट के दम पर सत्ता हासिल नहीं कर सकी तो उसने सत्ता को हथियाने के लिए नोटों का प्रयोग किया है। बीजेपी सत्ता के लिए लोकतंत्र की हत्या कर रही है। प्रदेश में जैसे जैसे चुनाव पास आ रहे हैं, बीजेपी गलत हथकंडे अपनाने में जुटी हुई है।
प्रतिभा सिंह ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना
इस दौरान प्रतिभा सिंह ने भी देश और प्रदेश की बीजेपी पर बड़ा हमला किया। प्रतिभा सिंह ने कहा कि केंद्र की बीजेपी सरकार गलत हथकंडे अपना रही है। यही कारण है कि एक सीएम को जेल में डाल दिया गया। ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए। केंद्र सरकार सत्ता पाने के लिए तानाशाही पर उतर आई है। केंद्र सरकार की यह तानाशाही ज्यादा दिन तक नहीं चलेगी।