चंबा। हिमाचल की बेटियां विकट परिस्थितियों में चुनौतियों का सामना करते हुए आज बड़े बड़े मुकाम हासिल कर रही हैं। आज ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है, जिसमें बेटियों की भागीदारी ना हो। यहां तक की जिन क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाएं भी इन बेटियों को नहीं मिलती है, वहां भी यह बेटियां अपनी कड़ी मेहनत से बड़े बड़े पदों पर विराजमान हो रही हैं। ऐसी ही एक बेटी हिमाचल के पिछड़े जिला चंबा की है। मिड डे मील वर्कर की यह बेटी अपनी मेहनत से बैंक अधिकारी बन गई है।
चंबा की सेरी पंचायत की अंजली बनी बैंक अधिकारी
चंबा जिला की ग्राम पंचायत सेरी की अंजली शर्मा ने कड़ी मेहनत से बैंक में अधिकारी बनने का अपना सपना पूरा कर लिया है। बैंक में अधिकारी बनने के बाद जब अंजली शर्मा अपने घर लौटी तो परिजनों के साथ साथ ग्रामीणों ने भी उसका जोरदार स्वागत किया। ग्रामीणों का कहना है कि अंजली को देख कर उनकी बेटियों को भी आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी।
माता-पिता हैं मिड-डे-मील वर्कर
बताया जा रहा है कि अंजली शर्मा के माता पिता सेरी स्कूल में मिड डे मील वर्कर हैं। जबकि अंजली शर्मा के परिवार में पांच बहनें और एक भाई है। निर्धन परिवार से संबंध रखने के बाद भी माता पिता ने बच्चों की शिक्षा से कोई समझौता नहीं किया, जिसके चलते ही आज अंजली शर्मा बैंक में अधिकारी बन गई है। बेटी की इस उपलब्धि से माता पिता काफी खुश हैं।
स्थानीय स्कूल से पूरी की दसवीं तक की शिक्षा
शिक्षा की बात करें तो अंजली शर्मा ने अपनी दसवीं तक की शिक्षा सेरी स्कूल से ही पूरी की है। जिसके बाद अंजली शर्मा ने ब्लाॅक स्तर का एक टेस्ट दिया और अव्वल रही। अंजली की इस प्रतिभा को देखते हुए डीसीएम जीपीएस लचोड़ी ने अंजलि को मुफ्त पढ़ने का न्योता दिया।
अंजली शर्मा ने 12वीं की शिक्षा डीसीएम जीपीएस लचोड़ी से उत्तीर्ण की। जिसके बाद अंजली उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए अपनी बहन के घर मंडी चली गईं। जहां सरदार पटेल यूनिवर्सिटी मंडी से उन्होंने अपनी आगामी शिक्षा पूरी की।
कड़ी मेहनत से पूरा किया सपना
अंजली के परिजनों ने बताया कि उनकी बेटी पढ़ने में काफी होशियार हैं। बचपन से अंजली का सपना था कि वह बैंक ऑफिसर बने, जिसे आज उसने अपनी कड़ी मेहनत से पूरा कर लिया है।
यह भी पढ़ें: IPL 2024: धर्मशाला स्टेडियम में होंगे दो मैच, विराट- धोनी लगाएंगे चौके छक्के
अंजली का कहना है कि दृढ़ इच्छाशक्ति व कठिन मेहनत से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। अंजली ने अपनी सफलता का श्रेय माता.पिता से मिले प्रोत्साहन और अपनी बहन व जीजा को दिया है।