चंबा। अक्सर कहा जाता है कि अच्छे समाज के निर्माण में शिक्षा ही सबसे बड़ा हथियार होता है। अच्छी शिक्षा से ही युवा वर्ग बड़े बड़े पद हासिल कर रहे हैं। लेकिन कई बार बड़े बड़े पदों पर बैठे लोग ही कुछ ऐसा गलत करने लगते हैं, जिससे बेहतर समाज निर्माण की कल्पना अधूरी से लगने लगती है। ऐसा ही कुछ हुआ है हिमाचल के चंबा जिला में, यहां पर तैनात आईएएस अधिकारी नवीन तंवर एक बड़े साल्वर गिरोह के सदस्य पाए गए हैं।
दूसरे की जगह परीक्षा देते पकड़ा आईएएस अधिकारी किया निलंबित
मिली जानकारी के अनुसार एक आईएएस अधिकारी किसी अन्य परीक्षार्थी की जगह पर परीक्षा देते हुए पकड़ा गया था। इस घटना के उजागर होने के बाद से पूरे क्षेत्र सहित प्रदेश भर में इसकी चर्चा हो रही थी।
बताया जा रहा है कि एक आईएएस अफसर जिसका नाम नवीन तंवर है। उसने किसी अन्य परिक्षार्थी की जगह परीक्षा दी थी। आरोप साबित होने के बाद उक्त आईएएस अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है।
13 दिसंबर 2014 का है मामला
दरअसल 13 दिसंबर 2014 को इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सेलेक्शन (आईबीपीएस) की क्लर्क भर्ती परीक्षा हुई थी। जिसमें उत्तर प्रदेश के नोएडा के रहने वाले नवीन तंवर ने झांसी के अमित की जगह गाजियाबाद स्थित आइडियल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में परीक्षा दी थी। उस समय सीबीआई ने सॉल्वर गिरोह को पकड़ा थाए जिसमें नवीन सहित कुल छह आरोपी शामिल थे।
सीबीआई ने पकड़ा सॉल्वर गिरोह
इस केस की सुनवाई के दौरान ही वर्ष 2019 में नवीन का आईएएस के लिए चयन हुआ था और बीते वर्ष उसे जिला चंबा में अतिरिक्त उपायुक्त कम सह-परियोजना निदेशक जिला ग्रामीण विकास एजेंसी (डीआरडीए) बनाया गया था। जैसे-जैसे सॉल्वर गिरोह का केस आगे बढ़ता गया वैसे-वैसे आरोपी नवीन की मुश्किलें बढ़ती चली गई।
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अदालत ने आईएएस को पाया दोषी
दूसरे की जगह बैंक क्लर्क भर्ती की परीक्षा देने के आरोप साबित होने के बाद आरोपी आईएएस नवीन तंवर को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही सीबीआई के न्यायिक मजिस्ट्रेट शिवम वर्मा ने दोषी पर 50 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। हालांकि यह भी बताया जा रहा है कि सीबीआई कोर्ट से जमानत मिलने के कारण दोषी नवीन को जेल नहीं जाना पड़ा है।