चंबा। हिमाचल के चंबा जिला एक सरकारी स्कूल में उस समय अफरा तफरी मच गई, जब एक साथ कई बच्चों ने तबीयत बिगड़ने की शिकायत अपने अध्यापक से की। स्कूल में एक साथ करीब 20 बच्चों की तबीयत खराब हुई थी। आनन फानन में बच्चों को अस्पताल पहुंचाया गया। जहां उपचार के बाद उनकी हालत में सुधार आया है। मामला चंबा जिला के डलहौजी के एक सरकारी स्कूल का है।
डलहौजी में सरकारी स्कूल में बिगड़ी बच्चों की तबीयत
मिली जानकारी के अनुसार बीते रोज छुट्टी के समय कुछ बच्चों ने अध्यापकों से तबीयत खराब होने की शिकायत की। इनमें अधिकतर लड़कियां थी। कुछ ही देर में यह बच्चे बेहोशी की हालत में जाने लगे। जिसे देखते हुए स्कूल अध्यापकों ने तुरंत ही बच्चों के अभिभावकों को इसकी सूचना दी और जिन बच्चों की हालत ज्यादा गंभीर होने लगी उन्हें तुरंत ही स्थानीय नागरिक अस्पताल पहुंचाया।
20 बच्चों को पहुंचाया अस्पताल
बताया जा रहा है कि बच्चे सिर दर्द, चक्कर आना और उल्टी आदि की शिकायत कर रहे थे। अस्पताल पहुंचाते ही डॉक्टरों ने बच्चों का तुरंत ही इलाज शुरू कर दिया। जिससे उनकी स्थिति में सुधार हुआ।
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ड्यूटी पर तैनात डॉ मनीष चौधरी ने बताया कि शुरूआती लक्षणों में मामला मास हिस्टीरिया का लग रहा है। बच्चों को इंजेक्शन के साथ ग्लूकोज दिया गया है। अब बच्चों की हालत में सुधार है। अस्पताल में करीब 15 से 20 बच्चों को लाया गया था।
बच्चों को सुबह दी थी आयरल की गोलियां
बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा गुरुवार को बच्चों को आयरन की गोलियां दी गई थीं। जिसके बाद बच्चों की तबीयत बिगड़ने लगी। कुछ बच्चों की तबीयत पानी पीने के बाद बिगड़ी हुई थी। जिससे पेयजल की शुद्धता पर भी सवाल उठ रहे हैं।
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क्या कहते हैं स्कूल प्रधानाचार्य
हालांकि स्कूल प्रधानाचार्य नरेश चंदेल का कहना है कि बच्चांे को आयरन की गोलियां सुबह के समय दी गई थी। लेकिन उसके बाद बच्चे ठीक थे।
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शाम को जब स्कूल की छुट्टी का समय हुआ, उसी दौरान बच्चों ने तबीयत बिगड़ने की बात बताई। जिसके बाद तुरंत कार्रवाई करते हुए बच्चों के अभिभावकों को सूचित किया गया और बच्चों को अस्पताल ले जाया गया।
एसडीएम ने दिए जांच के आदेश
वहीं इस मामले पर एसडीएम डल्हौजी अनिल भारद्वाज ने बताया कि सूचना मिलते ही वह अस्पताल में पहुंच गए थे। उन्होंने उपचाराधीन बच्चों और उपचार कर रहे डाक्टरों से भी बात की है। जिससे पता चलता है कि यह मामला मास हिस्टीरिया का लग रहा है।
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उन्होंने बताया कि अब सभी बच्चों की हालत ठीक है और उनको इलाज के बाद घर में भेज दिया जाएगा। साथ ही उन्होंने जल शक्ति विभाग और स्कूल प्रशासन को भी इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं और स्कूल की पानी की टंकियों की सफाई के भी आदेश दिए हैं।