शिमला। हिमाचल प्रदेश में लोकसभा चुनाव और 6 विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है। इस दौरान हिमाचल भाजपा अपने बागी हुए कुछ नेताओं को मनाने में असफल रही, जिसके चलते भाजपा ने बागी हुए नेताओं को सस्पेंड कर दिया। मगर अनुमान लगाया जा रहा है कि अब यह सस्पेंड हुए बागी भाजपा के समीकरण बिगाड़ सकते हैं।
बड़ा खेल कर सकते हैं मारकंडा
बतौर रिपोर्टर्स, बताया गया कि लाहुल-स्पीति से तीन बार विधायक, एक बार मंत्री रहे रामलाल मारकंडा बड़ा खेल कर सकते हैं। कांग्रेस के बागी पूर्व विधायक रवि ठाकुर को भाजपा द्वारा उपचुनाव के लिए टिकट दिया गया। जिसके बाद ही मारकंडा ने अपने तेवर जनसमर्थन से दिखाना शुरू कर दिए थे।
इस बीच मारकंडा ने अपने समर्थकों का हवाला देते हुए नामांकन भर दिया था। जिसके बाद भाजपा संगठन ने मारकंडा को पार्टी से निलंबित कर दिया है।
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बताया गया कि मारकंडा ने भाजपा सरकार में मंत्री रहते हुए अपने समर्थकों के बहुत सारे काम किए हैं। जिस कारण उन्हें अधिक समर्थन मिल रहा है। इसी समर्थन को देखते हुए कयास लगाए जा रहे हैं कि, मारकंडा द्वारा निर्दलीय चुनाव लड़ने से भाजपा के तमाम समीकरण बिगड़ने के आसार हैं।
धर्मशाला में भी हो सकता है उलटफेर
वहीं दूसरी ओर धर्मशाला विधानसभा में हो रहे उपचुनाव में भी लोगों का मनाना है कि, वर्ष 2022 में भाजपा प्रत्याशी रहे राकेश चौधरी भी भाजपा का खेल बिगाड़ सकते हैं।
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राकेश चौधरी द्वारा उपचुनाव के लिए निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पर्चा भरा गया है। भाजपा संगठन द्वारा राकेश चौधरी को भी अनुशासनहीनता का हवाला देकर पार्टी से निलंबित कर दिया गया है।
मारकंडा और चौधरी 2022 में थे भाजपा प्रत्याशी
विदित रहे, राम लाल मारकंडा और राकेश चौधरी ने भाजपा के टिकट पर साल 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ा था। उस चुनाव में दोनों को हार का सामना करना पड़ा था। मौजूदा उपचुनाव के लिए भाजपा द्वारा कांग्रेस के बागी हुए धर्मशाला से सुधीर शर्मा व लाहुल से रवि ठाकुर को टिकट दिया है। मगर इन सीटों पर 2022 में भाजपा प्रत्याशी रहे मारकंडा और चौधरी अब अपने जनसमर्थन से भाजपा के समीकरण बिगाड़ सकते हैं।