शिमला। हिमाचल में बारिश और बादल फटने की पूर्व चेतावनी को लेकर प्रदेश में 48 स्वचलित मौसम केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इससे हिमाचल में बादल फटने जैसी बड़ी घटनाओं की जानकारी पहले ही विभाग तक पहुंच पाएगी। जिससे प्रदेश में हो रहे जानी नुकसानों से बचा जा सकेगा। जिसके अंतर्गत AFD परियोजना के लिए 890 करोड़ रुपए उपलब्ध करवाएगी।
बादल फटने की मिलेगी पूर्व जानकारी
प्रदेश में मौसम संबंधी आंकड़ों की सटीकता और जलवायु संबंधी चुनौतियों से निपटने के लिए मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने भारत मौसम विज्ञान विभाग के साथ एक समझौता ज्ञापन किया है। इससे प्रदेश में 48 स्वचलित मौसम केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
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जिनके माध्यम से मौसम संबंधी पूर्वानुमान और तैयारियों के लिए वास्तविक समय के आंकड़े उपलब्ध होंगे। इससे बादल फटने जैसी बड़ी घटनाओं की जानकारी पूर्व में ही मिल जाएगी।
आपदा से निपटने के लिए बनेंगे हैलीपैड
वहीं सीएम सुक्खू ने कहा कि आपदा के कुशल प्रबंधन के लिए हेलीपैड निर्मित किए जाएंगे। साथ ही आपदा प्रबंधन के लिए एक राज्य संस्थान की स्थापना की जाएगी।
इसी के साथ ही एक नई राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल कंपनी का गठन भी किया जाएगा।
क्या बोले बागवानी मंत्री
इस विषय पर बागवानी मंत्री जगत नेगी ने कहा कि मौसम केंद्रों का यह तंत्र स्थापित होने से प्रदेश में पूर्व चेतावनी प्रणाली और आपातकालीन स्थितियों जैसे अत्याधिक बारिश, बाढ़ और बादल फटने जैसी घटनाओं का बेहतर तरीके से प्रबंधन सुनिश्चित होगा।
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आपदा में राहत
बागवानी मंत्री ने कहा कि यह परियोजना राज्य को बेहतर आपदा प्रबंधन तंत्र स्थापित करने में सहायक सिद्ध होगी। वहीं प्रदेश सरकार की विस्तृत आपदा और जलवायु जोखिम न्यून करण परियोजना के लिए फ्रांस की एजेंसी एएफडी के साथ सहमति बनी है, जिसके अंतर्गत AFD परियोजना के लिए 890 करोड़ रुपये उपलब्ध करवाएगी।
नहीं बहेंगे गांव
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में बादल फटने जैसी घटनाएं बार-बार पेश आ रही है। बीते 31 जुलाई की रात को जिला शिमला के समेज में आई तबाही ने पूरा गांव तबाह कर डाला। जिसके बाद सरकार ने इन घटनाओं को रोकने के लिए यह अहम कदम उठाया है।