ऊना। हिमाचल में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने हिमाचल के ऊना जिला के अब में एक फर्म में दबिश दी और करी 2.98 करोड़ रुपए की संपत्ति अचैट की है। ईडी ने ऊना जिला के अंब में स्थित एक फर्म पर यह कार्रवाई अवैध खनन से जुड़े एक मामले के तहत की है। इसमें चल और अचल दोनों तरह की संपत्ति शामिल है। ईडी द्वारा अटैच की गई संपत्ति में 13 लाख रुपए की चल और 2.85 करोड़ की अचल संपत्ति शामिल है।
अंब में लखविंदर सिंह की फर्म पर की कार्रवाई
ईडी ने आरोपी लखविंदर सिंह को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत धोखाधड़ी के अपराध में शामिल पाया। आरोपी पर हिमाचल सरकार के खजाने के साथ धोखधड़ी और गलत तरीके से नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया गया है। आरोप है की लखविंदर सिंह ने हिमाचल प्रदेश के जिला ऊना में अवैध खनन के माध्यम से धोखाधड़ी से गलत लाभ प्राप्त किया।
हिमाचल सहित 13 स्थानों पर दी दबिश
बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय चंडीगढ़ जोनल कार्यालय की तरफ से हिमाचल सहित 13 स्थानों पर दबिश दी गई है। ईडी की इस कार्रवाई के बाद कई कंपनी संचालकों की नींद उड़ गई है। ईडी की यह गाज अंब में स्थित मेसर्स लखविंदर सिंह की फर्म पर भी गिरी है। लखविंदर सिंह पर अवैध खनन के माध्यम से धोखाधड़ी कर गलत तरीके से लाभ अर्जित करने का दोष पाया गया है।
हिमाचल के राजस्व को लगा रहा था चूना
बता दें कि ईडी ने ऊना सदर पुलिस थाना में अनधिकृत खनन के मामले में दर्ज एफआईआर के आधार पर मामले की जांच शुरू कर दी है। इस जांच में खुलासा हुआ था कि मेसर्स लखविंदर सिंह के नाम से तीन क्रशर इकाइयां चलाई जा रही हैं।
उस पर जानबूझकर और बेइमानी से नियम, 2015 के तहत दाखिल किए जाने वाले अपने वैधानिक रिटर्न में वास्तविक उत्पादन की सही रिपोर्ट को छिपाने का आरोप लगाया गया है।
इसके अलावा वैधानिक बकाया के भुगतान के बिना अवैध खनन और सामग्री की अघोषित बिक्री से सरकार को धोखा दिया गया और उसका दुरुपयोग करने का भी आरोप लगाया गया है। ईडी अब इस मामले की आगामी जांच कर रही है।