शिमला। हिमाचल प्रदेश में आए दिन बच्चियों, युवतियों और महिलाओं के साथ होने वाले यौन अपराधों से जुड़े ढेरों मामले सामने आते हैं। इन मामलों में पीड़िताओं को इंसाफ पाने के लिए लंबे वक्त तक इंतजार करना पड़ता है।
इसी कड़ी में हिमाचल की राजधानी शिमला में विशेष न्यायाधीश अमित मंडयाल की अदालत ने चार साल की सुनवाई के बाद दुष्कर्म के आरोपी को कठोर कारावास की सजा सुनाई है।
चचेरी बहन के साथ भाई ने किया था मुंह काला
यह मामला 27 मई] 2020 का है। पीड़िता का चचेरा भाई उसे गाड़ी सिखाने के बहाने अपने साथ ले गया। फिर जंगल में जाकर उसके साथ जबरदस्ती दुष्कर्म जैसी घिनौनी वारदात को अंजाम दिया।
फोन करके करने लगा परेशान
जब पीड़िता ने विरोध किया तो उसने किसी को बताने पर उसे जान से मारने की धमकी दी। वारदात के तीन-चार दिन बाद दोषी फिर से पीड़िता को फोन करके परेशान करने लगा।
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इसी बीच पीड़िता ने हिम्मत जुटा कर 2 जून, 2020 को पुलिस में अपने भाई के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई।
जान से मारने की दी धमकी
पीड़िता ने पुलिस को अपने चचेरा भाई भूपेंद्र द्वारा जबरन उसके साथ दुष्कर्म करने के बारे में बताया। साथ ही उसने यह भी बताया कि भूपेंद्र ने उसे इस बारे में किसी को भी कुछ बताने से मना किया था और जान से मारने की धमकी भी दी थी। पीड़िता की शिकायत के आधार पर संज्ञान लेते हुए पुलिस ने आरोपी भाई के खिलाफ FIR दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद मामला कोर्ट में पहुंचा।
भाई को मिली कठोर सजा
जहां चार साल तक सुनवाई चली और मुकदमे के दौरान कोर्ट में 17 गवाहों को पेश करने, सभी दलीलों को सुनकर अदालत ने पीड़िता के चचेरे भाई को दोषी पाया। अब कोर्ट ने चचेरी बहन के साथ दुष्कर्म करने वाले दोषी भाई भुपेंद्र (37) को 12 साल के कठोर कारावास और 20 हजार रुपए जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई है।
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अदालत ने दोषी को धारा 506 के तहत दो साल के कठोर कारावास और दस हजार रुपए मुआवजा देने के भी आदेश दिए गए हैं। साथ ही IT एक्ट की धारा 66E के तहत भी दो साल का कठोर कारावास और दस हजार रुपए मुआवजा देने की सजा सुनाई है। वहीं, जुर्माना ना देने पर सजा की वृद्धि का भी प्रावधान किया गया है।