लाहौल-स्पीति। हिमाचल में 6 विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव में एक नया मोड़ आया है। पूर्व भाजपा सरकार में मंत्री रहे राम लाल मारकंडा ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। वहीं, उनके समर्थन में उमड़ी स्थानीय जनता ने भी दोनों राजनीतिक पार्टियों को साफ संदेश दे दिया है कि लाहौल स्पीति विधानसभा सीट की राह अब इतनी आसान नहीं है।
शक्ति प्रदर्शन ने सबको चौंकाया
बता दें कि नामांकन दाखिल करने से पहले डॉ राम लाल मारकंडा ने केलांग में एक रोड शो किया। उनके समर्थनों ने केलांग के दुर्गा माता मंदिर से लेकर पुलिस मैदान तक शक्ति प्रदर्शन कियाए जिसमें भारी संख्या में लोग नजर आए।
फिर नामांकन के बाद राम लाल मारकंडा ने दोनों पार्टियों पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मुझे दोनों पार्टियों ने डेढ़ महीने तक टिकट को लेकर ठगा है। जिसके चलते अब मुझे निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ना पड़ रहा है।
पुराने खिलाड़ी हैं मारकंडा
राम लाल मारकंडा ने अपना पहला चुनाव साल 1998 में हिमाचल विकास कांग्रेस से लड़ा था। इस चुनाव में वह पहली बार ही जीत हासिल कर मंत्री बन गए थे। इसके बाद साल 2007 में उन्होंने बीजेपी से चुनाव लड़कर जीत हासिल की थी। साल 2012 में उन्होंने फिर से बीजेपी से चुनाव लड़ा था। मगर इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
जयराम सरकार में कैबिनेट मंत्री थे मारकंडा
इसके बाद फिर 2017 में एक बार फिर उन्होंने बीजेपी से चुनाव लड़ा और जयराम सरकार में कैबिनेट मंत्री बने। मगर साल 2022 में हुए चुनाव में राम लाल मारकंडा कांग्रेस के रवि ठाकुर से हार गए।
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वर्तमान में बीजेपी ने मार्कंडेय को छोड़ कांग्रेस के बागी नेता रवि ठाकुर पर अपना दाव खेला है। रवि ठाकुर तमाम उम्र कांग्रेसी रहे हैं। मगर हाल ही में उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया और अब उपचुनाव में उन्होंने बीजेपी का दामन थामा है।
मारकंडा का बढ़ चुका है सियासी कद
इस सियासी उठा-पटक के बीच भले ही राम लाल मारकंडा कई बारे हारे। मगर उनका सियासी कद बढ़ता ही चला गया। लोगों के समर्थन के चलते उन्होंने अब निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। डॉ रामलाल मारकंडा के इस फैसले से बीजेपी और कांग्रेस की नींद उड़ना सही भी है, क्योंकि डॉ राम लाल मारकंडा सियासत के मझे हुए खिलाड़ी जो हैं।
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कहां पिछड़ गई कांग्रेस
वहींए इस चुनाव में कांग्रेस ने युवा प्रत्याशी अनुराधा राणा को रवि ठाकुर के खिलाफ चुनावी मैदान में उतारा है। अनुराधा राणा पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रही है। मारकंडा के निर्दलीय चुनाव लड़ने के फैसले से अब यहां मुकाबला तिकोना और दिलचस्प हो गया है। लाहौल.स्पीति में तीनों दिग्गजों में से किसी को भी कम नहीं आंका जा सकता है।
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अपने गुरु से मकाबला करेंगी अनुराधा
रवि ठाकुर के अनुराधा का राजनीतिक गुरु कहा जाता है। गौरतलब है कि रवि ठाकुर ने पंचायती राज चुनाव में अनुराधा राणा को जिला परिषद का चुनाव लड़ाया था। अनुराधा के जिला परिषद अध्यक्ष बनने में भी रवि ठाकुर की काफी अहम भूमिका रही थी। मगर इस चुनाव में अब वह दोनों आमने-सामने हैं। ऐसे में मुकाबला और भी रोचक हो गया है।