हमीरपुर। पहाड़ी राज्य हिमाचल की बेटियों के सीने में भी पहाड़ जैसा ही जज्बा होता है। किसी लक्ष्य को साधने का जब यह पहाड़ी बेटियां सोच लेती हैं तो फिर पीछे मुड़ कर नहीं देखती। हिमाचल की कई ऐसी बेटियां हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत के दम पर अपनी सफलता के झंडे गाढ़े हैं। ऐसी ही एक बेटी के बारे में आज हम आपको बताने जा रह हैं। इस बेटी ने भी अपनी मेहनत से बड़ा मुकाम हासिल किया है।
छोटे से गांव की दीक्षा बनी लेफ्टिनेंट
दरअसल हिमाचल के हमीरपुर जिला की बेटी भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गई है। इस बेटी ने कड़ी मेहनत के दम पर कमीशन पास कर इस पद को हासिल किया है। यह बेटी हमीरपुर जिला के उपमंडल भोरंज के मनवी गांव की दीक्षा शर्मा है। दीक्षा शर्मा की इस उपलब्धि से ना सिर्फ उसके घर में बल्कि पूरे गांव में खुशी का माहौल है।
यह भी पढ़ें: आर्थिक संकट के बीच सुक्खू सरकार भरने जा रही 1 हजार पद, वह भी नियमित रूप में
दीक्षा देहरादून में करेगी ज्वाइनिंग
भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनी दीक्षा शर्मा देहरादून में सेवाएं देगी। दीक्षा चेन्नई में अपनी ऑफिसर ट्रेनिंग से पासआऊट हो चुकी है। दीक्षा शर्मा बतौर लेफ्टिनेंट के पद पर अपनी पहली सेवाएं देहरादून में देगी। वह जल्द ही वहां पर जाकर ज्वाइनिंग करेगी। बड़ी बात यह है कि दीक्षा शर्मा ने अपने पहले ही प्रयास में शॉर्ट सर्विस कमीशन पास कर इस उपलब्धि को हासिल किया है।
यह भी पढ़ें: हिमाचल से अमृतसर जा रही बस रास्ते में पलटी, डेढ़ दर्जन लोग थे सवार
गांव की अन्य बेटियों को भी मिलेगी प्रेरणा
दीक्षा शर्मा के चयन से परिवार व रिश्तेदारों में खुशी का माहौल है। गांव के बुद्धिजीवियों का कहना है कि अगर गांव की एक बेटी कोई बड़ा मुकाम हासिल करती है तो उसे देख कर गांव की अन्य लड़कियों को भी हौंसला मिलता है और वह भी आगे बढ़ने का प्रयास करती हैं। दीक्षा शर्मा की वजह से ही गांव की कई अन्य बेटियों के दिल में भी भारतीय सेना में जाने का जज्बा उमड़ने लगेगा।
यह भी पढ़ें: किसान की बेटी बनेगी डॉक्टर, NEET 2024 परीक्षा में प्रदेश भर में पाया दूसरा स्थान
दीक्षा के पिता भी भारतीय सेना में दे रहे सेवाएं
बता दें कि लेफ्टिनेंट बनी दीक्षा शर्मा के पिता तरसेम कुमार शर्मा भी भारतीय सेना में तैनात हैं। वह सेना में बतौर सुबेदार मेजर के पद पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। जबकि दीक्षा की माता सुषमा गृहिणी हैं। दीक्षा शर्मा ने अपनी कामयाबी का श्रेय अपने माता.पिता व अध्यापकों को दिया है। वहीं दीक्षा ने बच्चों को संदेश देते हुए कहा कि अपना एक उद्देश्य लेकर पढ़ाई करें तो कोई भी कार्य कठिन नहीं है।