शिमला। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने लंबी खींचतान और चिंतन-मंथन के बाद आखिरकार लोकसभा चुनाव के लिए सभी टिकट फाइनल कर दिए हैं। कांग्रेस की लिस्ट में कांगड़ा लोकसभा सीट से पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा को चुनावी मैदान में उतारा गया है। आनंद शर्मा का नाम आते ही सियासी गलियारों में हलचल बढ़ गई है।
कभी नहीं लड़े लोकसभा चुनाव
कांगड़ा लोकसभा सीट से सामने आया आनंद शर्मा का नाम अपने आप में काफी ज्यादा हैरान करने वाला है। दरअसल, आनंद शर्मा ने इससे पहले कभी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा है। लोकसभा का यह उनका पहला अनुभव होगा।
यह भी पढ़ें: हिमाचल: 19 और 20 साल के दो युवक अरेस्ट, इतना चिट्टा हुआ बरामद
विधानसभा चुनाव में भी मिली हार
जबकि, विधानसभा चुनाव भी सिर्फ एक बार ही लड़े हैं और उसमें भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। सूत्रों की मानें तो अब तक आनंद शर्मा राज्यसभा से ही दिल्ली पहुंचते रहे हैं। कांग्रेस के जी-23 समूह के सक्रियता के कारण हाल ही में आनंद शर्मा काफी चर्चित रहे हैं।
कभी नहीं जीता कोई चुनाव
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में जन्में 71 वर्षीय आनंद शर्मा ने अभी तक कोई चुनाव नहीं जीता है। साल 1982 में शिमला सीट पर हुए विधानसभा चुनाव में आनंद शर्मा दौलतराम चौहान से हार गए थे। साल 1984 में वह पहली बार राज्यसभा पहुंचे थे। आनंद शर्मा ने जी-23 का हिस्सा बनकर कांग्रेस में परिवर्तन किए जाने की वकालत की थी।
कैसे मिली कांगड़ा सीट की टिकट
बता दें कि कांगड़ा सीट के लिए कांग्रेस की ओर से आशा कुमारी, आरएस बाली और डॉ. राजेश शर्मा के नाम पर चर्चा की जा रही थी। इनमें से आरएस बाली जो कि पहली बार विधायक बनकर सदन में पहुंचे हैं, वह लोकसभा चुनाव लड़ने से कतरा रहे थे। जबकि, आशा कुमारी के नाम पर आम राय नहीं बन रही थी। जिसके चलते हाईकमान की नजर आनंद शर्मा पर टिकी और उन्हें टिकट देने के लिए सभी ने सहमति भी जताई।
यह भी पढ़ें: हिमाचल: मां-बाप ने खोया 23 साल का बेटा, नील गाय को बचाते बाइक हुई सिक्ड
वीरभद्र सिंह के साथ नहीं थे अच्छे संबंध
आनंद शर्मा के प्रदेश के पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के साथ संबंध अच्छे नहीं रहे हैं। मगर वह सीएम सुक्खू की अनेक बार ढाल बने हैं। दरअसल, जब वीरभद्र सिंह के विरोध के बावजूद सीएम सुक्खू को कांग्रस प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया था, तब भी आनंद शर्मा उनके शुभचिंतकों में थे।
UPA के प्रभावशाली मंत्री रहे हैं आनंद शर्मा
आनंद शर्मा यूपीए सरकार के दस साल के कार्यकाल में प्रभावशाली मंत्री रहे हैं। आनंद शर्मा ने विदेश, वाणिज्य, उद्योग आदि मंत्रालयों की कमान संभाली है। साल 2022 में राजस्थान से राज्यसभा में पहुंचे आनंद शर्मा का कार्यकाल खत्म हुआ था। आनंद शर्मा राज्यसभा में कांग्रेस के डिप्टी लीडर रहे हैं। आनंद शर्मा छह साल तक कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता भी रहे हैं।