शिमला। हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। दरअसल, हिमाचल हाईकोर्ट ने सुक्खू सरकार को वाटर सेस के तौर पर वसूल किए गए 36 करोड़ रुपए को लौटाने का आदेश दिया था। मगर अब सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल हाईकोर्ट के इस आदेश पर रोक लगा दी है।
सुक्खू सरकार को मिली बड़ी राहत
इतना ही नहीं जिन कंपनियों के हक में हाई कोर्ट का फैसला आया था, उनको भी सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस किया है। ऐसे में अब इन कंपनियों को भी सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखना होगा।
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21 कंपनियों से वसूले 36 करोड़
गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने 21 कंपनियों से वाटर सेस के रूप में 36 करोड़ रुपए वसूले हैं। इन कंपनियों में सरकारी कंपनियां, बिजली बोर्ड व पॉवर कॉरपोरेशन भी शामिल हैं। अब सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुसार यह रकम प्रदेश सरकार को नहीं चुकता करनी होगी।
लाखों खर्च कर बचाए करोड़ों रुपए
प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में 39 कंपिनयों के खिलाफ छह पैकेज में केस किया है। इसके लिए प्रदेश सरकार ने चार वरिष्ठ वकील रखे हैं। जिन पर लाखों रुपए का खर्चा कर प्रदेश सरकार राहत चाहती है।
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चाहती है वाटर सेस वसूलना
बता दें कि हिमाचल सरकार बिजली कंपनियों से वाटर सेस वसूलना चाहती है। सरकार कंपनियों से सालाना 2 करोड़ रुपए की आय जुटाना चाहती है। मगर हाई कोर्ट का फैसला सुक्खू सरकार के खिलाफ आया था। हाई कोर्ट ने प्रदेश सरकार को सभी कंपिनयों को छह हफ्तों में पैसा वापस देने के आदेश दिए थे। जिसके बाद प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।
कायम है वाटर सेस आयोग
इस मामले में बीते शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई, जहां से प्रदेश सरकार को कुछ समय के लिए बड़ी राहत मिली है। फिलहाल, सुप्रीम कोर्ट में 2 जुलाई तक गर्मियों की छुटियां पड़ गई हैं। अब इसके बाद ही इस मामले पर अगली सुनवाई होगी। ध्यान रहे कि हाई कोर्ट के फैसले के बाद भी प्रदेश में वाटर सेस आयोग कायम है। सुप्रीम कोर्ट के आगामी फैसले तक यह वाटर सेस आयोग प्रदेश में चलता रहेगा।