Friday, December 13, 2024
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CM के गृह जिले का हाल: फुल हुआ वार्ड, तो गैलरी में लगाया बिस्तर

हमीरपुर। हिमाचल में सत्ता संभालने के बाद व्यवस्था परिवर्तन का नारा देने वाली सुख की सरकार में स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं। कई अस्पतालों में चिकित्सक नहीं हैं, तो कई अस्पताल फार्मासिस्ट के सहारे चल रहे हैं। जहां चिकित्सक हैं वहां पर व्यवस्थाएं चरमराई हुई हैं। लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने का दम भरने वाली कांग्रेस सरकार के मुख्यिा सीएम सुक्खू के गृह जिला में ही लोगों को उचित सुविधाएं नहीं मिल रही हैं।

मेडिकल कॉलेज में गैलरी वार्ड में लगाए बेड

मुख्यमंत्री के गृह जिला हमीरपुर में स्थित डॉ राधाकृष्णन मेडिकल कॉलेज में मरीजों को भर्ती करने के लिए वार्ड तक कम पड़ गए हैं। अब हालत ऐसी हो गई है कि मरीजों को गैलरी में बेड लगाकर उनका उपचार किया जा रहा है।

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यह हालात मेडिकल कॉलेज के गायनी वार्ड के हैं। यहां अस्पताल में डिलीवरी के लिए आने वाली महिलाओं को गैलरी में लगाए बेडों पर सुलाया जा रहा है।

मेडिकल कॉलेज के गायनी वार्ड में सिर्फ 50 बेड की सुविधा

बता दें कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल में प्रसुता महिलाओं के लिए सिर्फ 50 ही बेड का प्रावधान है, लेकिन वर्तमान में यह सभी बेड फुल हो गए हैं। ऐसे में डिलीवरी के लिए आने वाली अन्य महिलाओं के लिए वार्ड के बाहर गैलरी में बेड लगाए गए हैं। वहीं इन महिलाओं के साथ आने वाले तीमारदारों को रात को बाहर गैलरी में ही बिस्तर लगाना पड़ रहा है।

कई बार एक बेड पर होती हैं दो दो महिलाएं

बताया जा रहा है कि जब बेड पूरी तरह से भर जाते हैं तो एक बेड पर दो दो महिलाओं को भी लेटाया जाता है, जिससे डिलीवरी के लिए आने वाली इन महिलाओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। लोगों की मानें तो इतने बड़े मेडिकल कॉलेज में सिर्फ 50 बेड प्रसुती वार्ड में लगाना सही नहीं है।

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चिकित्सकों के अच्छे इलाज की वजह से रहती है भीड़

बता दें कि डॉ राधाकृष्णन मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में जिला भर से लोग इलाज करवाने पहुंचते हैं। यहां के चिकित्सकों की अच्छी सुविधाओं के चलते गायनी वार्ड में हर समय भीड़ रहती है।

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ऐसे में प्रसुति के बाद वार्ड फुल होने पर महिलाओं को काफी दिक्कत होती है। वहीं इन महिलाओं की देखभाल करने के लिए जो व्यक्ति इनके साथ रुकता है उन्हें भी जमीन पर ही सोना पड़ता है।

क्या कहते हैं कॉलेज प्राचार्य

इस बारे में मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ रमेश भारती ने कहा कि महिलाओं को उचित इलाज उपलब्ध करवाया जाता है। जब कभी वार्ड फुल हो जाता है तो उन्हें अन्य कमरे में शिफ्ट किया जाता है।

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