नाहन। हिमाचल प्रदेश की मंडी संसदीय सीट से कांग्रेस पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह को लोकसभा चुनाव में टिकट देने जा रही है। एक तरफ जहां विक्रमादित्य सिंह कंगना को टक्कर देने में सशक्त माने जा रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ विपक्ष के नेता का कहना है कि विक्रमादित्य सिंह को टिकट देकर सीएम सुक्खू लोकसभा चुनाव की आड़ में अपनी राह के सबसे बड़े राजनीतिक कांटे को निकालने की फिराक में हैं। यह आरोप किसी और ने नहीं बल्कि बीजेपी के नेता ने लगाए हैं।
विक्रमादित्य का कैरियर खत्म करने की तैयारी में सुक्खू
यह तो सर्वविधित है कि सीएम सुक्खू का हॉलीलोज से छत्तीस का आंकड़ा रहा है। राजा साहब के समर्थक कभी भी सुक्खू को सीएम की कुर्सी पर नहीं देखना चाहते थे। लेकिन फिर भी सुक्खू सीएम बने।
वहीं विक्रमादित्य सिंह भी सीएम सुक्खू पर कई बार उन्हें अपमानित करने के आरोप लगा चुके हैं, तो प्रतिभा सिंह सीएम सुक्खू की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा चुकी है।
अब इस सब के बीच विक्रमादित्य सिंह को मंडी लोकसभा से टिकट दिए जाने पर सिरमौर भाजपा के जिला सह मीडिया प्रभारी प्रताप सिंह रावत ने बड़ा बयान दिया है।
विक्रमादित्य सिंह से लड़वा रहे लोकसभा चुनाव
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह से लोकसभा चुनाव लड़वा कर उनका राजनीतिक कैरियर खत्म करना चाहते हैं। रावत ने बताया कि सीएम सुक्खू भली.भांति जानते हैं कि अभी प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के हालात ठीक नहीं है। इसलिए वह लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह को लोकसभा चुनाव लड़वा रहे हैं।
प्रतिभा सिंह ने भी सीएम सुक्खू पर लगाए थे आरोप
बीजेपी नेता रावत ने बताया कि जब से कांग्रेस की सरकार सत्ता में आई है, तभी से प्रतिभा सिंह और विक्रमादित्य सिंह सीएम सुक्खू की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते रहे हैं।
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प्रतिभा सिंह ने तो यहां तक कह दिया था कि सुक्खू सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले दी गई 10 गारंटियों को अभी तक पूरा नहीं किया है। जिससे प्रदेश की जनता का कांग्रेस पार्टी से मोह भंग हो रहा है।
अपने विरोधियों को खत्म कर रहे सीएम सुक्खू
प्रताप सिंह रावत ने बताया कि विक्रमादित्य सिंह मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के लिए एक बड़ा कांटा हैं, जिसे वह निकालने के लिए तत्पर हैं। इसी के चलते वह विक्रमादित्य सिंह से लोकसभा चुनाव लड़वा कर उनका राजनीतिक कैरियर खराब करना चाहते हैं। ताकि विक्रमादित्य सिंह का कैरियर खत्म हो जाए और उनका विरोध करने वाला कोई ना बचे।